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Uniform Civil Code Likely Not To Be Implemented Before Lok Sabha Elections 2024 BJP And RSS Will Keep Politically Alive


Uniform Civil Code: अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर जमकर बहस जारी है. भले ही लोग इस यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर ज्यादा नहीं जानते हों, लेकिन हर किसी की जुबान पर ये शब्द चढ़ने लगा है. अब बताया जा रहा है कि बीजेपी भी यही चाहती है कि 2024 तक ये मुद्दा गरम रहे और इससे पार्टी को फायदा हो. हालांकि इसे चुनाव से पहले लागू करने का कोई विचार नहीं है. 

UCC का मुद्दा गरम रखने की तैयारी
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक समान नागरिक संहिता पर सरकार फिलहाल आगे नहीं बढ़ना चाहती है. क्योंकि आर्टिकल 370 को खत्म करने और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद यूसीसी बीजेपी के वैचारिक एजेंडे में आखिरी है, ऐसे में सरकार और पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस मुद्दे को राजनीतिक चर्चा में आने वाले कुछ सालों तक बनाए रखेगी. 

2024 से पहले लागू होने की संभावना नहीं
दरअसल 28 जून को मध्य प्रदेश के भोपाल में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक रैली में यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र किया था और इसे देश में लागू करने की बात कही थी. इसके बाद से ही ये मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है. पीएम मोदी के बयान के बाद लोग मान रहे थे कि जल्द यूसीसी को देश में लागू किया जा सकता है, लेकिन ऐसा फिलहाल नहीं होने वाला है. पार्टी और तमाम बड़े अधिकारियों का कहना है कि यूसीसी को लागू करना इतना आसान नहीं है, इसके लिए बड़े स्तर पर रिसर्च और हर वर्ग के लोगों की सलाह की जरूरत है. इसीलिए 2024 लोकसभा चुनाव से पहले यूसीसी लागू होने की संभावना नहीं है.  

हालांकि बीजेपी के तमाम बड़े और छोटे स्तर के नेताओं को यूसीसी पर माहौल गरम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यही वजह है कि आए दिन यूसीसी को लेकर नए-नए बयान सामने आते हैं. हाल ही में झारखंड से बीजेपी सांसद सुनील कुमार सिंह ने एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया, जिसमें पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कानून बनाने का जिक्र किया गया था. 

राज्यों में पहले लागू होगा यूसीसी
इंडियन एक्सप्रेस ने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि संघ फिलहाल देशव्यापी कानून के पक्ष में नहीं है. संघ का मानना है कि राज्य यूसीसी पर फैसला ले सकते हैं और विचार के बाद इसे अपने यहां लागू कर सकते हैं. वहीं केंद्र को इसके लिए इंतजार करना चाहिए. इसीलिए पहली प्राथमिकता इसे राज्यों में लागू करने की है. 

बीजेपी शासित कई राज्य सरकारों ने इसकी तैयारी भी शुरू कर ली है. सबसे पहले उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा मध्य प्रदेश और गुजरात भी यूसीसी लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ महीनों में बाकी बीजेपी शासित राज्य भी ये कदम उठा सकते हैं. 

उत्तराखंड पर टिकी है नजर
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल उत्तराखंड पर नजरें टिकी हुई हैं, पार्टी ये देखना चाहती है कि उत्तराखंड जैसे राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद इसका क्या असर होता है और ये कितना प्रभावी होता है. इसके बाद उत्तराखंड में लागू हुए यूसीसी को फॉलो करते हुए बाकी राज्यों में भी इसे लागू किया जाएगा. यानी पूरे देशभर में एक साथ यूसीसी लाने की बजाय राज्यों के जरिए इसे लाया जाएगा. लोकसभा चुनाव में इसे बीजेपी के सबसे बड़े चुनावी एजेंडे के तौर पर देखा जा रहा है. 

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