Delhi Ordinance 2023 Invoice: केंद्र सरकार दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश (Delhi Ordinance) पर जल्द ही संसद (Parliament) में बिल पेश कर सकती है. मंगलवार (25 जुलाई) को पीएम मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बिल को मंजूरी भी दे दी गई थी. अब सवाल ये है कि राज्यसभा (Rajya Sabha) में बहुमत न होने की स्थिति में बीजेपी (BJP) इस बिल को कैसे पास करा पाएगी.
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार इस अध्यादेश का शुरू से विरोध कर रही है. कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके समेत कई विपक्षी दलों ने राज्यसभा में आप का समर्थन करते हुए राज्यसभा में इस बिल का विरोध करने का आश्वासन दिया है. ऐसे में सत्तारूढ़ एनडीए को ये विधेयक पारित करने के लिए राज्यसभा में बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, नामित सदस्यों और निर्दलीय सदस्यों के समर्थन पर निर्भर रहना होगा.
कई पार्टियों ने व्हिप किया जारी
ये बिल संसद में कब लाया जाएगा, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि आप, कांग्रेस समेत कई दलों ने अपने सदस्यों को गुरुवार को राज्यसभा में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है. कुछ सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर गुरुवार को विधायी कार्य में सप्लीमेंट्री एजेंडे के रूप में दिल्ली सेवाओं के मुद्दे पर विधेयक को अनुमति नहीं देने के लिए कहा है.
राज्यसभा में एनडीए और इंडिया की संख्या लगभग बराबर
लोकसभा में एनडीए बहुमत में है, लेकिन राज्यसभा में दोनों गठबंधन- बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए और विपक्ष का इंडिया, लगभग बराबर संख्या में हैं. हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन हमेशा राज्यसभा में अपने विधायी कार्य को पारित कराने के लिए दूसरे दलों का समर्थन प्राप्त करने में कामयाब रहा है. इस विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है, लेकिन ऐसी अटकलें भी हैं कि इस बिल को गुरुवार को राज्यसभा में लाया जा सकता है.
किसके कितने सांसद हैं?
राज्यसभा में एनडीए के 101 सदस्य हैं, जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) को 100 सांसदों का समर्थन प्राप्त है. गुटनिरपेक्ष दलों में 28 सदस्य हैं, पांच सदस्य नामांकित श्रेणी में हैं और तीन स्वतंत्र हैं. 28 गुटनिरपेक्ष सदस्यों में से तेलंगाना के सीएम केसीआर की भारत राष्ट्र समिति के सात सदस्यों के विपक्षी गुट के साथ मतदान करने की उम्मीद है. बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस के नौ-नौ सदस्य हैं और एनडीए को उनके समर्थन की उम्मीद है.
इन दलों पर रहेंगी सबकी नजरें
राज्यसभा में बसपा, जेडीएस और टीडीपी के एक-एक सदस्य हैं और वे किसके पक्ष में मतदान करेंगे, इस पर सबकी नजर रहेगी. आम तौर पर, मनोनीत सदस्यों का सरकार को समर्थन रहता है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार को सौंपने के एक सप्ताह बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने ये अध्यादेश जारी किया था.
अध्यादेश ने दानिक्स कैडर से ग्रुप-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना की सुविधा प्रदान की. सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के तबादले और तैनाती उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे.
(इनपुट पीटीआई से भी)
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