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Tunnel Accident Uttarakhand Rescue Operation Stopped Again As Steel Structure Is In Front Of Pipe Know Latest Update


Tunnel Accident Rescue Operation On: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का अभियान अभी भी पूरा नहीं हुआ है. शनिवार (25 नवंबर) को अभियान का 14वां दिन है. बचाव अभियान के लिए ड्रिलिंग के आखिरी चरण काम एक बार फिर बाधित होने की वजह से रोक देना पड़ा है.

न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार (24 नवंबर) रात 47 मीटर पर ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा. टनल में नौवां पाइप ड्रिल किया जा रहा है‌. एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि मशीन के आगे बार-बार लोहे की चीजें आने से कार्य प्रभावित हो रहा है. अभी 47 मीटर तक ड्रिलिंग हुई है. करीब दस मीटर तक और ड्रिलिंग शेष है. 

फिर शुरू होगी ड्रिलिंग
सूत्रों ने बताया है कि आज शनिवार को एक बार फिर पाइप के रास्ते में आई लोहे की जाली को काट कर हटाया जाएगा और फिर से ड्रिलिंग शुरू होगी. जिस ऑगर मशीन से ड्रिलिंग हो रही है वह एक घंटे में 2 मीटर के करीब ड्रिलिंग करती है. इसलिए आज भी बचाव अभियान कब खत्म होगा, इस बारे में फिलहाल समय सीमा तय नहीं हो पा रही है.

मौके पर मौजूद है सीएम पुष्कर सिंह धामी
दूसरी तरफ सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार मौके पर बने हुए हैं. उन्होंने यहीं पर अपना अस्थाई कैंप बनाया है, जहां से बाकी काम भी कर रहे हैं और बचाव अभियान की निगरानी भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह अत्यंत चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरा रेस्क्यू अभियान है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में टीमें पूरी दक्षता और क्षमता से लगी हुई हैं.

पीएमओ से लगातार रखी जा रही है नजर 
राहत और बचाव अभियान पर सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से नजर रखी जा रही है. पीएम मोदी प्रतिदिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर अभियान का अपडेट ले रहे हैं. उन्होंने मजदूरों के बाहर निकलने पर उनकी बेहतर चिकित्सा और घर जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

आपको बता दें कि दिवाली के दिन यानी 12 नवंबर को सुबह निर्माणाधीन सुरंग धंस जाने की वजह से उसमें 41 मजदूर फंस गए. उन्हें निकालने के लिए उन तक 80 सेंटीमीटर व्यास की पाइप पहुंचाया गया है, जिसमें रोलिंग स्ट्रेचर डालकर उसी पर मजदूरों को सुलाकर बाहर की ओर खींच लिया जाएगा. इन्हें निकालने के लिए अभियान में जुटे एनडीआरएफ के जवानों ने रिहर्सल कर लिया है, लेकिन आखिरी पाइप बिछाने की राह में बार-बार आ रही बाधा की वजह से ड्रिलिंग रोकनी पड़ी है. घटना वाले दिन से ही पाइपलाइन के जरिए अंदर फंसे श्रमिकों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. सारे मजदूर स्वस्थ्य हैं.

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