Pahalgam Terror Attack: लश्कर के आतंकी सैफुल्लाह कसूरी के आदेश पर पाकिस्तान के क़सूर और PoK के मीरपुर और रावलोट में लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन के 5 कमांडरों ने पहलगाम हमले की साजिश रची थी और 22 अप्रैल को पहलगाम में हमला करवाया था. बीते शुक्रवार (25 अप्रैल) को एबीपी न्यूज़ ने पहलगाम हमले पर बड़ा खुलासा किया था,
खुफिया सूत्रों के मुताबिक उनकी जांच में कई नाते सबूत मिले हैं, जिससे सामने आया है कि पहलगाम हमले में लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के अलावा जैश ए मोहम्मद भी शामिल था और हमले का मास्टरमाइंड लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी के अलावा जैश ए मोहम्मद का आतंकी रऊफ असगर भी हो सकता है, जो भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक है और जैश ए मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर का भाई है.
खुफिया एजेंसी के सूत्रों से मिली ये जानकारी
असल में खुफिया एजेंसी के सूत्रों की मानें तो जिस तरह से पहलगाम में 22 अप्रैल को सैलानियों के ऊपर हमला हुआ है और नाम पूछ कर आतंकियों ने उन्हें मौत के घाट उतारा. ठीक वैसा ही एक हमला 7 अक्टूबर 2023 को डेढ़ साल पहले इजरायल के रीम शहर में हुआ था, जब हमास के आतंकियों के म्यूजिक फेस्टिवल के गोलीबारी की थी और कई सैलानियों को बंधक बना लिया था. ऐसे हमास स्टाइल इस हमले की काफिया जोड़ते समय खुफिया सूत्रों के सामने कई सबूत सामने आये हैं.
PoK के रावलकोट में 5 फरवरी को जैश ए मोहम्मद और हमास के आतंकियों का मजमा लगा था. यह मजमा कश्मीर में जिहाद फैलाने और इसराइल पर 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा Operation Al Aqsa Flood नाम से किए गए आतंकी हमले को लेकर किया गया था. उस दिन रावलकोट की सड़कें जैश के आतंकियों से पटी पड़ी थी और SP लेवल के पुलिस अधिकारी भी आतंकियों के पीछे पीछे चल रहे थे और आतंक के मज़मे में शिरकत लेने जैश कमांडर मसूद इलियासी, आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख आतंकी मसूद अज़हर का भाई तल्हा अल सैफ़ और आतंकी संगठन हमास का ईरान में प्रतिनिधि खालिद क़यूमी और मौलना सईद यूसुफ़ पहुँचे थे, जिसमें तल्हा अल सैफ़ और खालिद क़यूमी BY 555 गाड़ी में पहुंचे थे.
जैश और हमास के इस कार्यक्रम में ना सिर्फ़ आतंकियों के ज़म कर भारत विरोधी बयानबाजी की बल्कि मंच से ऐलान किया गया कि जैसे हमास ने इजरायल में आतंक मचाया है, ठीक वैसे ही कश्मीर में जिहाद किया जाएगा. मज़मे में 7 अक्टूबर की घटना का बार बार ज़िक्र भी किया गया.
लश्कर के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने किया था ये ऐलान
बीते शुक्रवार को एबीपी न्यूज़ पर हमने आपको दिखाया था कि कैसे लश्कर के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने 2 फरवरी को ऐलान किया था कि कश्मीर में जिहाद फैला कर 1 साल में कश्मीर को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जाएगा. ऐसे में जैश ए मोहम्मद और हमास के 5 फरवरी के मज़मे के बाद ठीक अगले दिन लश्कर के डिप्टी चीफ सैफ़ुल्लाह कसूरी और हाफिज सईद के बेटे की जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी रऊफ असगर से बहावलपुर के जैश हेडक्वार्टर जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह में मुलाक़ात होती है, जिसकी Exclusive वीडियो एबीपी न्यूज़ के पास मौजूद है.
जैश के मदरसे में जिहाद का पाठ पढ़ने वाले बच्चों से कसूरी कहता है कि भारत में उसके मुजाहिद ऐसा जिहाद फैला देंगे कि उसका असर कुछ हफ्तों में कुछ महीनों में दिखने लगेगा. इसके बाद इस वक्त जैश का कामकाज देख रहा भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी रऊफ असगर और हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद दोनों ही कश्मीर पर ज़हर उगलता है.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक बच्चों के सामने जहर उगलने के बाद सैफ़ुल्लाह कसूरी, तल्हा सईद और अब्दुल रऊफ ने अलग से बैठक की थी, जिसमें सूत्रों से जानकारी मिल रही है कु इन तीनों ने हमास के Al Aqsa Flood Operation की तर्ज पर कश्मीर में एक आतंकी हमला करने की भूमिका बनाई थी और चर्चा की थी. खुफिया सूत्रों को मानें तो अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि हमले की पहल कसूरी या तल्हा ने की थी या फिर अब्दुल रऊफ़ ने, लेकिन यह तय है कि पहलगाम में हमास स्टाइल हमले की पहली पटकथा बहावलपुर के जैश हेडक्वार्टर में ही लिखी गई थी.
आतंकी हमला करने की कैसी की प्लानिंग?
इसी के बाद पिछली पड़ताल में एबीपी न्यूज़ ने आपको बताया था कि कैसे पहले सैफुल्लाह कसूरी और पाकिस्तानी रेंजर का विंग कमांडर ज़ाहिद ज़रीन 19 फ़रवरी को साथ देखा जाता है, जिसका वीडियो भी एबीपी न्यूज़ के पास है और फिर फरवरी महीने के आख़िरी हफ़्ते में क़सूर में सैफ़ुल्लाह कसूरी लश्कर के कमांडर अबू मूसा , मोहम्मद नवाज़ ,अब्दुल्लाह ख़ालिद, हरकत उल जिहाद उल इस्लामी के इदरीस शाहीन और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के नेता और हिजबुल के कमांडर अब्दुल रफ़ा रसूल के साथ बैठक करता है, जिसके कसूरी ने पांचोंं आतंकियों को कश्मीर में एक बड़ा आतंकी हमला प्लान करने का आदेश दिया था.
मार्च महीने में सैफुल्लाह कसूरी के आदेश पर लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन के Pok में तैनात पांच कमांडर पहलगाम हमले का पूरा खाका तैयार किया, जिनके साथ कसूरी ने 13 मार्च को कश्मीर में हमले को लेकर मीरपुर में बैठक भी की थी. इसकी तस्वीर एबीपी न्यूज़ ने आपको दिखाई थी जहां कसूरी बैठक से पहले मजमा लगा कर अबू मूसा की पीठ थपथपा रहा है और मज़मे के बाद प्लान का जायजा लेने के लिए बैठक कर रहा है.
मीरपुर में आतंकी कमांडरों के साथ बैठक और प्लान का जायजा लेने के 3 दिन के बाद फिर सैफुल्लाह कसूरी फिर से पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश ए मोहम्मद के हेडक्वार्टर ‘जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह’ में 16 मार्च को गया था और 16 और 17 मार्च तक यहीं ठहरा था. खुफिया सूत्रों की मानें तो कसूरी ने 16 मार्च की शाम को जैश ए मोहम्मद के वांटेड आतंकी और मसूद अजहर के भाई रऊफ असगर के साथ बैठक की जिसमें जैश का एक और कमांडर मसूद इलियासी भी मौजूद था.
खुफिया सूत्रों की मानें तो इसी बैठक में तय हुआ कि हमला कश्मीर के पहलगाम में होगा. सूत्रों के मुताबिक कसूरी ने पांचों आतंकी कमांडरों के साथ अपनी 13 मार्च की बैठक की जानकारी भी रऊफ और इलियासी को दी और बताया कि कैसे उसने इन्हें आदेश दिया है कि कश्मीर में हमला बड़ा होना चाहिए और दूसरे राज्यों के लोगों के ऊपर होना चाहिए.
कसूरी के आदेश पर हमले को कौन आतंकी अंजाम देगा और उनकी ट्रेनिंग का सारा जिम्मा अबू मूसा, इदरीस शाहीन, अब्दुल रफ़ा रसूल, मोहम्मद नवाज़ और अब्दुल्लाह ख़ालिद पर था तो कमान अबू मूसा के हाथ थी, जो PoK में लश्कर का टॉप कमांडर है और कसूरी का दाहिना हाथ है. इसका एक और सबूत 5 फरवरी के रावलकोट के जैश और हमास के मज़मे में है जहां अबू मूसा सैफ़ुल्लाह कसूरी का प्रतिनिधि बन कर मंच पर मौजूद था.
एबीपी न्यूज़ पर पिछली पड़ताल में हमने आपको दिखाया था कि 18 अप्रैल को रावलकोट में जैश और हिजबुल के इन पांचोंं आतंकी जिन्होंने कसूरी के कहने पर पहलगाम हमले की प्लानिंग की थी उन्होंने मंच से भारत के खिलाफ बयानबाजी थी और जिहाद फैलाने और अक्षरधाम हमला जैसा आतंकी हमला दोहराने का ऐलान भी किया था.
अब नए सबूतों में 18 अप्रैल के इस मजमे में हमास वाली Modus Operandi के भी सबूत दिखते हैं, जिसमे छोटे छोटे बच्चों को आतंकी रावलकोट के मज़में में हमास की यूनिफॉर्म पहना कर नकली बंदूक पकड़ाकर मंच पर खड़ा किया गया साथ ही मंच से शपथ भी ली गई कि कश्मीर में आतंक फैलाने और जिहाद के लिए आतंकियों को रावलकोट से भेजा जाता रहेगा. इस मज़मे में पाकिस्तान की पुलिस सुरक्षाकर्मी की तरह खड़ी थी और सुरक्षा की कमान ख़ुद ASP लेवल का अधिकारी संभाल रहा था.
खुफिया सूत्रों को ये है अंदेशा
खुफिया सूत्रों को अंदेशा है कि पहलगाम में हमले के लिए घुसपैठ रावलकोट से पूंछ के रास्ते हुई थी. जहां 1 अप्रैल की रात को आतंकियों ने सरहद पार की थी क्योंकि 1 अप्रैल को LoC पर पूंछ की तरफ़ पाकिस्तानी सेना ने रात भर फायरिंग की थी और घुसपैठ की वजह से माइन ब्लास्ट भी हुआ था, जिसे पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ माना था.
अब नए सबूतों से साफ हो रहा है कि जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा,हिजबुल मुजाहिदीन, यूनाइटेड जिहाद काउंसिल और हरकत उल जिहाद अल इस्लामी के प्लान में पाकिस्तानी सेना भी शामिल थी, जिसकी गवाही ना सिर्फ 1 अप्रैल की रात भर उनकी फायरिंग दे रही है बल्कि चाहे 16 अप्रैल को पाकिस्तानी सेना प्रमुख का हिंदुओं के खिलाफ बयान हो या फिर रावलकोट में आतंकियों को सुरक्षा देना हो. ऐसे में देखना होगा इन सबूतों के सामने आने के बाद भी पाकिस्तान कब तक पहलगाम साजिश में अपना हाथ ना होने का झूठ बोलता रहेगा.
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