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Mumbai Crime Report Increase Rape Molestation And Cyber Crime NGO Claimed Ann


Mumbai Information: देशभर में अपराध और साइबर क्राइम के मामले रोज बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच सामाजिक संस्था प्रजा फाउंडेशन ने मुंबई के पुलिसिंग और कानून व्यवस्था पर गुरुवार (23 नवंबर) को व्हाइट पेपर लॉन्च किया है. इस रिपोर्ट में कई बड़ी बातें सामने आई हैं जिस से मुंबई की पुलिसिंग और कानून व्यवस्था प्रणाली में तत्काल ध्यान और सुधारों की कितनी आवश्यकता है इसका संकेत दिया गया है. 

मुंबई में बढ़ता अपराध का ग्राफ

इस रिपोर्ट में अपराध की घटनाओं, बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो) के मामले, साइबर अपराध, फोरेंसिक विभाग और पुलिस कर्मियों से संबंधित मुद्दों को शामिल किया गया है. प्रजा फाउंडेशन के सीईओ मिलिंद म्हस्के ने कहा, “कानून-व्यवस्था के रखरखाव में सुधार लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में ‘प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ मामले’ के फैसले में सात पुलिस सुधारों का निर्देश जारी किया था.”

इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि मुंबई में पिछले 10 वर्षों में रेप के रजिस्टर्ड मामलों में 130 फीसदी (391 से 901) और छेड़छाड़ के मामलों में 105 फीसदी (1,137 से 2,329) की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा, मुंबई में दर्ज रेप के कुल मामलों में से 61 फीसदी (615) मामले नाबालिग लड़कियों के खिलाफ हैं.

प्रजा फाउंडेशन के रिसर्च हेड और एनालिसिस के प्रमुख योगेश मिश्रा ने कहा, “मुंबई पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) के तहत यह आंकड़े रिपोर्ट में दर्ज किए गए हैं.”

राज्य में पुलिसकर्मियों की कमी
 
इसके अतिरिक्त मुंबई पुलिस में जुलाई 2023 तक 30 फीसदी पुलिसकर्मियों की कमी है. इसके अलावा पुलिस निरीक्षक, सहायक पुलिस निरीक्षक और पुलिस उप निरीक्षक में भी 22 फीसदी की कमी देखी गई. वर्ष 2022 के अंत में दर्ज किए गए पॉक्सो मामलों में से 73 फीसदी मामलों की जांच लंबित थे. 2022 में अन्य रजिस्टर्ड आपराधिक मामलों की लंबित जांच की स्थिति उपलब्ध नहीं है. यह राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की भारत में अपराध- 2022 रिपोर्ट अभी तक प्रकाशित नहीं हुई है.

साइबर क्राइम कितना बढ़ा

वहीं दुनिया भर में साइबर अपराध बढ़ रहा है और मुंबई भी इसका अपवाद नहीं है. मुंबई में रजिस्टर्ड साइबर अपराध मामलों में 2018 (1,375) से 2022 (4,723) तक 243 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. साइबर अपराध के सबसे अधिक मामले क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के रूप में दर्ज किए गए मामले, जो 2018 में 461 से 657 फीसदी बढ़कर 2022 में 3,490 हो गए हैं. हालांकि इस मुद्दे पर रोक लगाने के लिए मुंबई पुलिस की तरफ से शमन कदम उठाए गए हैं, जैसे कि पुलिस स्टेशनों में साइबर सेल का गठन. 

पुलिसिंग और कानून व्यवस्था की रिपोर्ट

पिछले 10 वर्षों में पंजीकृत छेड़छाड़ के मामलों में 105 फीसदी (1,137 से 2,329) की बढ़ोतरी हुई है. 2022 में, कुल बलात्कार के मामलों में 63 फीसदी पीड़ित नाबालिग लड़कियां हैं और पॉक्सो अधिनियम के तहत रिजस्टर किया गया है. साल 2022 के अंत में, पॉक्सो के 73 फीसदी मामले जांच के लिए लंबित हैं. पुलिसकर्मियों के रिक्ति पदों में 2018 में 22 फीसदी से बढ़कर 2023 में 30 फीसदी हो गई है.

जुलाई 2023 तक जांच में शामिल अधिकारी पदनामों की 22 फीसदी की कमी है. वर्ष 2022 के अंत में फोरेंसिक जांच के 44 फीसदी मामले लंबित थे और मार्च 2023 तक फोरेंसिक विभाग में 39 फीसदी कर्मचारियों की कमी है. साइबर क्राइम के मामले 2018 में 1,375 से 243 फीसदी बढ़कर 2022 में 4,723 हो गए. इसी अवधि में क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के मामलों में 657 फीसदी (461 से 3,490) की बढ़ोतरी हुई.

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