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Kerela Nurse Nimisha Death Sentence In Yemen Blood Money Can Save Her


Indian Nurse Death Sentence in Yemen: मध्य पूर्व एशिया का एक देश यमन है. इस देश की सुप्रीम कोर्ट ने एक भारतीय महिला निमिषा को मौत की सजा सुनाई है. अब उसे किसी भी दिन फांसी हो सकती है, लेकिन उसे बचाने का अब भी एक तरीका है और वो तरीका है ब्लड मनी. हालांकि इसमें भी एक पेच है और वो तभी सुलझेगा, जब इसके लिए भारत और यमन दोनों की सरकार तैयार हो.

ऐसे में सवाल ये है कि आखिर ये ब्लड मनी होती क्या है, जिसपर एक भारतीय महिला की जिंदगी टिकी हुई है और आखिर क्या है ये पूरा मसला, जिसमें केरल की रहने वाली महिला को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है. 

पति और बेटे लौट आए थे भारत

निमिषा केरल के पलक्कड जिले की रहने वाली हैं. साल 2011 में वो अपने पति टोनी थॉमस और बच्चे के साथ यमन के सना शहर में काम करने के लिए चली गईं. वहां नौकरी इतनी अच्छी नहीं रही कि तीनों का जीवन-यापन हो सके. साल 2014 में आर्थिक तंगी की वजह से निमिषा के पति टोनी थॉमस और बेटे भारत लौट आए.

हालांकि निमिषा वहीं रह गईं. उन्होंने यमन में ही अपनी एक क्लिनिक खोलने की प्लानिंग कीं. इस क्लिनिक को खोलने के लिए निमिषा ने यमन के ही एक नागरिक और अपने पति टोनी थॉमस के दोस्त तलाल अब्दो महदी की मदद मांगी, लेकिन तलाल ने मदद नहीं की. तब निमिषा के दोस्त अब्दुल हनान आगे आए और उनकी मदद से निमिषा ने पति के भारत लौटने के अगले साल यानी कि साल 2015 में अपना क्लिनिक खोल लिया.

निमिषा का किया गया था ब्लैकमेल

जब क्लिनिक से आमदनी होने लगी तो तलाल अब्दो महदी ने पैसे के लिए निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक जब निमिषा ने पैसे देने से इंकार कर दिया तो तलाल ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए निमिषा को अपनी पत्नी घोषित कर दिया. परेशान निमिषा ने यमन पुलिस से इसकी शिकायत की. निमिषा की शिकायत पर पुलिस ने तलाल को गिरफ्तार भी कर लिया.

जब तलाल जेल से रिहा हुआ तो उसने धोखे से निमिषा का पासपोर्ट अपने पास रख लिया और फिर से निमिषा से पैसे मांगे. चूंकि निमिषा एक नर्स थी, तो उसने तलाल को काबू में करने के लिए नशे का एक इंजेक्शन लगा दिया ताकि जब वो बेहोश हो तो निमिषा उससे अपना पासपोर्ट वापस ले सके. इंजेक्शन लगाने के दौरान निमिषा का दोस्त अब्दुल हनान भी मौजूद था.

भारतीय नर्स को सुनाई गई फांसी की सजा

उस इंजेक्शन के ओवर डोज की वजह से तलाल की मौत हो गई. तलाल की मौत होने के बाद निमिषा और अब्दुल हनान ने डेड बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए प्लान बनाया. इसके लिए दोनों ने तलाल की बॉडी के टुकड़े कर दिए और उन्हें पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया. इसके बावजूद निमिषा और हनान बच नहीं सके. पुलिस ने पता लगा लिया कि तलाल की हत्या इन दोनों ने ही की है.

अगस्त, 2017 में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. निचली अदालत ने दोनों को ही उम्रकैद की सजा सुनाई, लेकिन मामला हाई कोर्ट गया तो निमिषा की उम्रकैद की सजा को बढ़ाकर फांसी में तब्दील कर दिया गया, जबकि अब्दुल हनान की उम्रकैद की सजा बरकरार रही.

क्या है ब्लडमनी?

ऐसे में निमिषा की मां ने तय किया कि अब वो खुद यमन जाएंगी और वहां पहुंचकर तलाल अब्दू महदी के घरवालों से मिलकर अपनी बेटी को बचाने की कोशिश करेंगी. अब चूंकि यमन में शरिया का कानून चलता है और शरिया में सजा का प्रावधान है. क़िसास में अपराधी ने जो अपराध किया होता है, उसे भी वही सजा मिलती है.

जैसे अगर किसी ने किसी की आंख फोड़ दी, तो जिसने आंख फोड़ी है, सजा के तौर पर उसकी भी आंख फोड़ दी जाती है. इसी किसास में सजा का एक विकल्प पैसे देना भी है. अरबी में इसे कहा जाता है जैसा दिया या दियाह. अंग्रेजी में इसे ही कहते ब्लड मनी हैं.

समझौते के लिए यमन जाना है निमिषा की मां को

मृतक तलाल अब्दू महदी के परिवारवाले भी ब्लड मनी लेकर निमिषा को छोड़ने पर तैयार हो गए थे. साल 2022 में ही तलाल के घरवालों ने बतौर ब्लड मनी 50 मिलियन यमनी रियाल यानी 1 करोड़ 52 लाख 32 हजार 757 रुपये की मांग की थी. यमन की पुलिस ने जेल में निमिषा से मिलकर ये बात बता भी दी थी.

अब इसी ब्लड मनी की रकम पर समझौता करने के लिए निमिषा की मां को यमन जाना है, लेकिन 2016 में जब यमन में गृहयुद्ध शुरू हुआ था, तभी से भारत ने अपने नागरिकों को यमन भेजने पर रोक लगा रखी है. इसको लेकर निमिषा की मां ने दिल्ली हाई कोर्ट से हस्तक्षेप करने की गुहार भी लगाई है, लेकिन अब तक बात बन नहीं पाई है. वहीं निमिषा ने हाई कोर्ट से मिली फांसी को सुप्रीम कोर्ट में भी चैलेंज किया था, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली है और उसकी फांसी की सजा बरकरार है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने की यमन जाने की अपील

अब निमिषा की मां के पास एक ही रास्ता है कि वो यमन जाएं, वहां तलाल के घरवालों से ब्लड मनी पर बात करें और अपनी बेटी को भारत लेकर लौटें. इसके लिए जरूरी ये है कि भारत सरकार निमिषा की मां को यमन जाने दें.

हालांकि जब निमिषा की मां ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है तो केंद्र सरकार के वकील ने हाई कोर्ट को ये बताया है कि केंद्र सरकार जल्दी ही भारत से यमन जाने का रास्ता खोल सकती है.

अब अगर निमिषा की मां यमन पहुंच जाएंगी तो हो सकता है कि निमिषा की फांसी टल जाए. नहीं तो अब तो निमिषा को यमन में कानूनी तौर पर तो कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है. 

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