IEW 2025: राजधानी दिल्ली में द्वारका के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में चार दिनों तक चलने वाले ‘इंडिया एनर्जी वीक 2025’ कार्यक्रम का आज दूसरा दिन है. इस कार्यक्रम में भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को एक महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है. कार्यक्रम में नई हरित हाइड्रोजन तकनीकों और नीतियों के बारे में चर्चा की गई, जिससे भारत को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नेतृत्व का दर्जा मिल सके. इस मिशन ने ना सिर्फ वायु प्रदूषण कम होगा बल्कि अगले 5 साल में 6 लाख नौकरियां भी पैदा होंगी.
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 2023 में शुरू हुआ था. इसका मुख्य उद्देश्य भारत को एक हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है, इसमें हरित हाइड्रोजन का उत्पादन, भंडारण, परिवहन, और उपयोग करने के लिए स्वदेशी तकनीकों का विकास करना शामिल है. मिशन का लक्ष्य है कि भारत को हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल किया जाए, जिससे स्वच्छ ऊर्जा का प्रचलन बढ़े और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो.
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2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने की उम्मीद
कुल 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ हरित हाइड्रोजन क्षमता 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने की उम्मीद है. इससे 2030 तक 6 लाख नौकरियों के पैदा होने की उम्मीद है. कार्यक्रम में बताया गया है कि भारत और अन्य देशों के बीच नए सहयोग और नीतिगत संधि बनाने के लिए चर्चा की गई, जिससे हरित हाइड्रोजन के उपयोग को और अधिक व्यावहारिक बना सके.
इस मिशन के अंतर्गत सरकार ने देश में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी कई योजनाएं शुरू की हैं. जैसे सोलर पार्क योजना, वीजीएफ योजना, सीपीएसयू योजना, रक्षा योजना, नहर तट और नहर टॉप योजना, सम्मिलित योजना, ग्रिड से जुड़ी सौर आवास-छत योजना आदि. ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत उपाय भी किए गए हैं. साल 2023 तक भारत ने सौर ऊर्जा परिनियोजन में दुनिया में 5वां स्थान हासिल कर लिया है.
गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता 217.62 गीगावॉट तक पहुंची
भारत में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं, जैसे कि राष्ट्रीय जैव ऊर्जा मिशन, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, पीएम-कुसुम और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना. ये कार्यक्रम स्वच्छ और आत्मनिर्भर ऊर्जा के भविष्य की ओर देश की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं. सरकार ने बताया है कि जनवरी 2025 तक भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता 217.62 गीगावॉट तक पहुंच गई है.

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