Bangladesh Ruckus: पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं. दिल्ली के व्यापारियों में भी बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ नाराजगी है. अब भारत सरकार के साथ-साथ भारतीय व्यापारियों से भी अपील की जा रही है कि वे बांग्लादेश के साथ अपनी व्यापारिक गतिविधियां कम करें. इतना ही ऑटो स्पेयर पार्ट्स इंडस्ट्री से जुड़े व्यापारियों ने बांग्लादेश से एक महीने तक व्यापार न करने का फैसला किया है.
दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर व्यापारी समुदाय गुस्से में है. बृजेश गोयल ने कहा कि 5-7 साल पहले चीन ने हमारे सैनिकों के साथ सीमा पर दुस्साहस किया था, जिसके बाद भारतीय उपभोक्ताओं और व्यापारियों ने चीनी सामान का बहिष्कार किया था. अब चीन को सबक मिल गया है और सीमा पर स्थिति संतोषजनक है, चीन की तरह बांग्लादेश को भी सबक सिखाना जरूरी है.
बांग्लादेश की ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री
बृजेश गोयल ने बताया कि बांग्लादेश में ऑटो मोटर पार्ट्स का 95 प्रतिशत माल इंपोर्ट ही किया जाता है, जिसमें से 90 प्रतिशत माल तो भारत से निर्यात होता है. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश से हर महीने लगभग 1 हजार करोड़ रुपये का बिजनेस होता है.
बांग्लादेश के साथ इतना हुआ व्यापार
उन्होंने कहा कि 2023-24 में दोनों देशों के बीच 14 बिलियन डॉलर (करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार हुआ. अब सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे और बांग्लादेश पर आर्थिक दबाव बनाना होगा. भारत और दिल्ली के व्यापारी और उद्यमी केंद्र सरकार के साथ हैं, सीटीआई ने चेतावनी दी है कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार बंद नहीं हुए तो दिल्ली और देश के सभी व्यापारी बांग्लादेश के साथ सारा व्यापार खत्म कर देंगे और सीटीआई से जुड़े हजारों व्यापारी बांग्लादेश के साथ कोई व्यापारिक लेन-देन भी नहीं करेंगे.
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