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मिग-21 ने भरी आखिरी उड़ान, राजनाथ सिंह बोले- ‘ये भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों का एक प्रमाण’



62 वर्ष की सेवाओं के बाद आखिरकार भारतीय वायुसेना ने मिग-21 फाइटर जेट को आखिरी विदाई दे दी है. खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मिग-21 में आखिरी उड़ान भरी. इसके बाद मिग-21 के फॉर्म-700 यानी लॉग-बुक को हमेशा-हमेशा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंप दिया गया, क्योंकि अब मिग-21 के फाइटर पायलट, स्वदेशी एलसीए तेजस के जरिए देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा करेंगे.

शुक्रवार (26 सितंबर, 2025) को चंडीगढ़ एयरबेस पर मिग-21 की रिटायरमेंट सेरेमनी को आयोजित किया गया, क्योंकि 1963 में पहली बार जब मिग-21 को रूस से लाया गया था तो इसी चंडीगढ़ बेस पर लैंडिंग की थी. मिग-21 की पहली स्क्वाड्रन भी इसी चंडीगढ़ एयरबेस पर तैनात की गई थी. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की तारीफ

खुद रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में मिग-21 की तारीफ करते हुए कहा, ‘जब हम मिग-21 को उसकी ऑपरेशन यात्रा से विदाई दे रहे हैं तो मुझे लगता है, हम एक ऐसे अध्याय को विदा करने जा रहे हैं, जो न केवल इंडियन एयरफोर्स के इतिहास में, बल्कि हमारी पूरी मिलिट्री एविएशन की जर्नी में गोल्डन लैटर्स (यानी सुनहरे शब्दों) से लिखा जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘मिग-21 केवल एक एयरक्राफ्ट या मशीन भर नहीं है, यह भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों का भी एक प्रमाण है. मिग-21 ने मिलिट्री एविएशन की जर्नी में कई और सुनहरे पल जोड़े हैं. दुनिया के मिलिट्री एविएशन के इतिहास में, ऐसा कोई फाइटर जेट नहीं हुआ, जो इतनी बड़ी संख्या में निर्मित हुआ हो.’

विश्वसनीयता और मल्टी डाइमेंशन क्षमताओं का साक्षी

राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनियाभर में मिग-2 के 11,500 से अधिक विमान बनाए गए और उनमें से लगभग 850 विमान भारतीय वायुसेना का हिस्सा रहे. रक्षा मंत्री के मुताबिक, यह संख्या अपने आप में, इस फाइटर एयरक्राफ्ट की प्रसिद्धि, विश्वसनीयता और मल्टी डाइमेंशन क्षमताओं का साक्षी है.’

चंडीगढ़ एयरबेस पर लैंडिंग करने के दौरान वायुसेना ने मिग-21 लड़ाकू विमानों को वाटर कैनन सैल्यूट किया. मिग-21 की याद में राजनाथ सिंह ने एक पोस्टल स्टैंप भी जारी किया. इस दौरान एयर चीफ मार्शल  मिग-21 का फॉर्म-700 यानी लॉग बुक को रक्षा मंत्री को सौंप दिया. किसी भी मिग-21 को फ्लाई करने और लैंडिंग के बाद सभी जानकारियां इसी बुक में भरनी होती हैं. 

मिग-21 रिटायरमेंट की बड़ी बातें

1. 1963 में वायुसेना में शामिल हुए.

2. देश का पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट.

3. 1965 युद्ध में पाकिस्तान के दांत खट्टे किए.

4. 1971 युद्ध में ढाका में पाकिस्तान के गर्वनर हाउस पर बमबारी की, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर कर दिया.

5. कारगिल युद्ध में टाइगर हिल पर बमबारी की.

6. 1999 में पाकिस्तान के अटलांटिक टोही विमान को रण ऑफ कच्छ में भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के लिए मार गिराया.

7. बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया.

8. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नाल एयरबेस पर अलर्ट पर रखा गया.

9. दुनिया के उन चुनिंदा लड़ाकू विमानों में जिन्होंने सबसे ज्यादा दुश्मन के साथ फाइट की और विमान मार गिराए.

10. वायुसेना ने 800 मिग-21 फाइटर जेट ऑपरेट किए, जिनमें से 200 रूस से सीधे खरीदे गए और बाकी 600 का निर्माण भारत में ही एचएएल ने किया.

11. चंडीगढ़ एयरबेस पर खुद वायुसेना प्रमुख एपी सिंह आखिरी उड़ान में शामिल हुए. उनके साथ दूसरे मिग-21 पर थी स्क्वाड्रन लीडर प्रिया.

12. मिग-21 की आखिरी उड़ान के ठीक पीछे एलसीए-तेजस विमान ने फ्लाई किया. 

13. 800 में से 400 मिग-21 क्रैश हुए, जिनमें वायुसेना के 170 फाइटर पायलट की जान चली गई.

14. क्रैश के चलते फ्लाइंग कॉफिन का नाम दिया गया.

15. आमिर खान की सुपरहिट फिल्म ‘रंग दे बसंती’, इसी मिग-21 के क्रैश पर आधारित थी.

16. स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-1ए मिग-21 को रिप्लेस करेंगे.

17. चंडीगढ़ में मिग-21 रिटायरमेंट समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान मौजूद रहेंगे.

18. चंडीगढ़ में रिटायरमेंट सेरेमनी इसलिए आयोजित की गई, क्योंकि इस बेस पर पहली बार 1963 में रूस से मिग-21 ने लैंड किया था और यहीं पर पहली स्क्वाड्रन तैनात हुई थी.

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