The #1 Bestseller Every Marketer Needs The Decagon Code of Marketing MistakesThe #1 Bestseller Every Marketer Needs The Decagon Code of Marketing Mistakes
HomeIndiaसबरीमाला मंदिर को मिलेगा नया रूप, CM विजयन ने की 1000 करोड़...

सबरीमाला मंदिर को मिलेगा नया रूप, CM विजयन ने की 1000 करोड़ की परियोजनाओं की घोषणा


केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार (20 सितंबर, 2025) को ‘ग्लोबल अयप्पा संगम’ में घोषणा की है कि भगवान अयप्पा मंदिर तीर्थयात्रा को श्रद्धालुओं के लिए अधिक सुरक्षित और सुगम बनाने के उद्देश्य से सबरीमाला क्षेत्र में 1000 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं पर काम किया जाएगा.

विजयन ने कहा कि दुनिया भर से अयप्पा भक्तों को आकर्षित करने के लिए विकासात्मक गतिविधियों की योजना बनाई जा रही है और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड की 75वीं वर्षगांठ के हिस्से के रूप में आयोजित इस संगम का उद्देश्य मदुरै और तिरुपति की तर्ज पर सबरीमाला को एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में विकसित करना है.

श्रद्धालुओं के लिए तीर्थयात्रा को सरल बनाना उद्देश्य

उन्होंने कहा कि सन्निधानम की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करते हुए सबरीमला, पंपा, निलक्कल और भगवान अयप्पा मंदिर के पारंपरिक मार्ग का व्यापक विकास करने के वास्ते एक योजना बनाई जाएगी. इस संगम का उद्देश्य यह पता लगाना था कि श्रद्धालुओं के लिए तीर्थयात्रा को किस प्रकार सरल बनाया जा सकता है और इसके लिए आवश्यक हस्तक्षेपों की पहचान करना था.

वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता विजयन ने अपने भाषण में भगवद् गीता का जिक्र करते हुए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अप्रत्यक्ष रूप से आलोचना की. दोनों दलों ने इस संगम के आयोजन का विरोध जताया था. उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ के अनुसार, एक सच्चा भक्त वह है जो किसी से घृणा नहीं करता, सभी के प्रति मैत्रीपूर्ण और दयालु होता है, सुख और दुख के प्रति उदासीन और सहनशील होता है.’

सबरीमाला जाति और धर्म की सीमाओं से परे

विजयन ने कहा कि इस संगम में भाग लेने वाले लोग भगवद् गीता के अनुसार भक्त थे, जबकि अन्य लोगों ने केवल आस्तिक होने का दिखावा किया और कार्यक्रम को रोकने का प्रयास किया. उन्होंने कहा, ‘शुक्र है कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे प्रयासों पर रोक लगा दी.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सबरीमाला जाति और धर्म की सीमाओं से परे है और सभी धर्मों के लोग वहां जाते हैं.

उन्होंने कहा कि इसकी धर्मनिरपेक्ष प्रकृति इस बात से ही पता चलती है कि ‘हरिवरासनम’ लोरी एक नास्तिक देवराजन मास्टर ने रची थी और इसे एक ईसाई गायक येसुदास ने गाया था. मुख्यमंत्री ने इस आयोजन पर उठे विवादों का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने इसके समय पर सवाल उठाए और मांग उठाया कि मंदिर का प्रशासन श्रद्धालुओं को सौंप दिया जाए और आरोप लगाया कि सरकार देवस्वओम बोर्ड से धन की हेराफेरी कर रही है.

तीन चरणों में होगा सबरीमाला का विकास

उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या और उनकी यात्रा को परेशानी मुक्त बनाने की आवश्यकता को देखते हुए इस संगम का आयोजन किया गया था. विजयन ने कहा कि यह संगम वर्षों की चर्चाओं का परिणाम था, जिसका उद्देश्य सबरीमाला को वैश्विक तीर्थयात्रा के मानचित्र पर लाना और हवाई मार्ग से आने वाले भक्तों को होने वाली परेशानियों का समाधान करना था.

उन्होंने कहा, ‘एक वैज्ञानिक मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसमें सबरी रेलवे, सबरीमाला हवाई अड्डा, रोपवे और अन्य परियोजनाएं शामिल हैं.’ विजयन के अनुसार, सबरीमाला सन्निधानम (मंदिर परिसर) का विकास 2022 से 2039 तक तीन चरणों में किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 778.17 करोड़ रुपये होगी. योजना के तहत पंपा को एक ‘ट्रांजिट कैंप’ के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है, जिसके लिए 2033 तक दो चरणों में 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई है.

सबरीमाला मास्टर प्लान में करोड़ों की परियोजना शामिल

उन्होंने कहा, ‘‘सन्निधानम, पंपा और यात्रा के मार्ग के विकास की कुल अनुमानित लागत 1,033.62 करोड़ रुपये है. इसके अतिरिक्त, तीर्थयात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिये 2025-2030 की अवधि के लिए सबरीमाला मास्टर प्लान में 314.96 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शामिल की गई हैं.’

‘त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड’ (टीडीबी) के अध्यक्ष पी.एस. प्रशांत के अनुसार, इस कार्यक्रम में 15 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु भी इसमें शामिल हुए, जिनमें तमिलनाडु से लगभग 1,000 श्रद्धालुओं का सबसे बड़ा दल आया. यह कार्यक्रम बोर्ड की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:- एस्टोनिया के एयरस्पेस में घुसपैठ के आरोपों पर रूस बोला- ‘अंतरराष्ट्रीय नियमों का किया पालन’

RELATED ARTICLES

Most Popular