Reactions On Women Reservation Bill: बहुप्रतीक्षित महिला आरक्षण बिल मंगलवार (19 सितंबर) को लोकसभा में पेश कर दिया गया है. सरकार ने इसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ बिल के रूप में पेश किया. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल को सदन में पेश करते हुए बताया कि इसमें क्या-क्या प्रावधान हैं.
बिल के लोकसभा में पारित होने की संभावना है क्योंकि सदन में सरकार के पास बहुमत है और कई विपक्षी दलों ने भी विधेयक का समर्थन किया है. महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी से लेकर कई महिला नेताओं और अन्य नेताओं ने प्रतिक्रियाएं दी हैं. आइये जानते हैं कि किसने क्या कहा?
महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गांधी, राबड़ी देवी और आतिशी का रिएक्शन
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा, ”यह अपना (विधेयक) है.” बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ”महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर और मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हों. मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है. अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है, इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है.”
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने एक प्रेस वार्ता में कहा, ”आम आदमी पार्टी ने इस बिल का स्वागत किया है…” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, ”विधेयक के प्रावधान 2024 में लागू नहीं होंगे. बीजेपी को महिलाओं के कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं.” AAP ने आतिशी ने कहा, ”यह महिला आरक्षण विधेयक नहीं, बल्कि महिलाओं को मूर्ख बनाने वाला बिल है.”
अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने ये कहा
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ”महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए. इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए.”
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”मैं महिला हूं और मैं इस बिल का समर्थन करती हूं लेकिन हम चाहते हैं कि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी हुई महिला है, उसको भी उसका हक मिलना चाहिए. हम चाहते हैं कि इसमें ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिले…”
यह एक बेहतरीन कदम है- पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, ”पुरुष राजनीतिक परिदृश्य के कठिन क्षेत्र को खुद पार करने के बाद मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आखिरकार महिला आरक्षण बिल हकीकत बन जाएगा. आधी आबादी होने के बावजूद हमारा प्रतिनिधित्व बेहद कम है. यह एक बेहतरीन कदम है.”
इसके अलावा पीडीपी प्रमुख ने मीडिया से कहा, ”एनडीए की सरकार को 10 साल होने वाले हैं. अगर उन्होंने यह पहले ही किया होता तो 2024 के चुनाव में महिलाओं को बड़ी तादाद में भाग लेने का मौका मिलता, लेकिन देर आए दुरुस्त आए, अच्छी बात है… देश की तरक्की में यह एक अहम कदम होगा.” वहीं, जम्मू-कश्मीर नेशल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अबदुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण बिल के खिलाफ नहीं है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने किया महिला आरक्षण बिल का समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है. उन्होंने एक्स पर एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें कहा गया, ”…वैसे देश की महिलाओं को लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत देने की बजाय अगर उनकी आबाधी को भी ध्यान में रखकर 50 प्रतिशत दिया जाता तो इसका हमारी पार्टी पूरे तहे दिल से स्वागत करेगी, जिसके बारे में सरकार को जरूर सोच-विचार करना चाहिए.” उन्होंने और भी कई मांगे करते हुए आगे लिखा, ”किंतु बीएसपी की इन मांगों सरकार की ओर से अमल नहीं किया जाता है तब भी हमारी पार्टी संसद में इस महिला आरक्षण बिल को समर्थन देगी और इसे पास कराने में पूरी मदद करेगी…”
जेडीयू ने महिला आरक्षण बिल को लेकर क्या कहा?
जेडीयू ने एक्स पर लिखा, ”नीतीश सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में मिसाल पेश की है. सरकार की शानदार ‘आरक्षण नीति’ की वजह से आज हर क्षेत्र में महिलाओं को पूरा सम्मान मिल रहा है.” जेडीयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह कहते दिख रहे हैं, ”जब कानून बना था, उस समय हम एमपी भी थे, कमेटी के मेंबर थे, उस समय तय हुआ था कि कम से कम एक तिहाई महिलाओं को (आरक्षण) मिलेगा. कम से कम एक तिहाई था, इसलिए हम यहां आए और पहली बार में 50 परसेंट दिया. आधा-आधा कर दिया…”
हमें अपने पीएम पर विश्वास था- चिराग पासवान
महिला आरक्षण बिल पर लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, ”सबसे पहले मैं देश की सभी महिलाओं को बधाई देना चाहता हूं. हम लंबे समय से संसद में महिलाओं के अधिकारों के पारित होने का इंतजार कर रहे हैं. इसमें काफी समय लगा लेकिन हमें अपने पीएम पर यह विश्वास था… मुझे खुशी है कि आज इस बिल को ‘नारी शक्ति वंदना’ के रूप में मजबूती से प्रस्तुत किया गया है. इस पर चर्चा होनी चाहिए… मुझे उम्मीद है कि ये बिल पूरी सहमति के साथ पास होगा ताकि महिलाओं को उनका अधिकार मिल सके.”
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं, ‘दरवाजे तो खोल दिए हैं लेकिन…’
महिला आरक्षण विधेयक पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ”30 वर्षों का संघर्ष रहा है. हमारे संविधान ने समानता का वादा किया है… यह बिल विधेयक जरूरी था. कई पार्टियों ने बीजेपी को साढ़े नौ साल पहले जारी हुए उसके घोषणापत्र का वादा याद दिलाया. यह देर से आया लेकिन मुझे आशा है कि इस पर जल्द ही अमल में आएगा. विधेयक में लिखा था कि यह तुरंत इनेक्टेड नहीं होगा क्योंकि परिसीमन होने के बाद ही यह लागू होगा. इसका मतलब है कि 2029 तक यह आरक्षण लागू नहीं होगा. उन्होंने दरवाजे तो खोल दिए हैं लेकिन अब भी महिलाओं के लिए प्रवेश वर्जित है.”
असदुद्दीन ओवैसी बोले, ‘महिलाओं के पॉलिटिकल एंपावरमेंट के खिलाफ नहीं, लेकिन…’
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ”96 में जब इस तरह का एक बिल बनाया गया था और फिर मनमोहन साहब की सरकार में बिल इंट्रोड्यूज हुआ था, उस वक्त से हमारी पार्टी का रुख एक ही है, हम खवातीन और महिलाओं के पॉलिटिकल एंपावरमेंट के खिलाफ नहीं हैं, मगर जब आप एक कानून बना रहे हैं, जिसके जरिये से हमारी आबादी के उस हिस्से को आप राजनीतिक प्रतिनिधित्व देना चाह रहे हैं असेंबली और पार्लियामेंट में तो यह बहुत जरूरी है, इंसाफ का तकाजा यह है कि ओबीसी महिलाओं को और मु्स्लिम महिलाओं को उस कोटा में हिस्सा मिलना चाहिए, जो आज नहीं हुआ है…”
एकनाथ शिंदे और केसीआर की पार्टी ने क्या कहा?
महिला आरक्षण बिल की चर्चा के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ”पीएम का फैसला हमेशा राष्ट्रहित में है, हम इसका समर्थन करेंगे.” इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने का स्वागत किया था.
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