Women Reservation Bill Handed: नई संसद में मंगलवार (19 सितंबर) को पेश किए गए महिला आरक्षण कानून (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) बुधवार (20 सितंबर) को लोकसभा में पास हो गया. राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा हो रही है. इस विधेयक पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला. वहीं, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “ओबीसी समाज के साथ अन्याय हो रहा है. बिल को लेकर सरकार की नीयत ठीक नहीं है. सरकार जातीय जनगणना की बात ही नहीं कर रही है.” इससे पहले सदन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी ओबीसी आरक्षण की बात की थी.
विपक्षी पार्टियों का समर्थन भी और सवाल भी
महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पास होकर राज्यसभा पहुंचा है और उम्मीद है कि यहां भी ये पास हो जाएगा लेकिन एक बहस ये भी चल रही है कि अगर ये विधेयक दोनों सदनों से पास हो गया तो लागू कब से होगा? आम आदमी पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, “कल भी मैंने कहा था और आज फिर दोहरा रहा हूं. ये महिला आरक्षण बिल पिछले 20-25 सालों से पेंडिंग पड़ा हुआ था और आने वाले 20-25 सालों में भी ये लागू नहीं होगा.”
इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा, “क्यों लागू नहीं होगा ये भी बता देता हूं. महिला आरक्षण बिल में एक जबरदस्ती का क्लोज जो नरेंद्र मोदी सरकार की नीयत को उजागर करता है, वो उन्होंने डाल दिया है. पहले जनगणना होगा, फिर परिसीमन होगा और फिर आरक्षण लागू होगा. अगर आपकी मंशा महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की है तो इसे 2024 में लागू करो. जिस तरह से पिछले 9 सालों से जुमला छोड़ते रहे हैं वैसे ही एक बार फिर चुनाव से पहले महिलाओं को लुभाने के लिए एक जुमला छोड़ दिया है.”
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