पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) से सस्पेंड किए गए विधायक टी राजा सिंह को तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिल गया है. 22 अक्टूबर, 2023 को तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने उनका सस्पेंशन रद्द करने का फैसला किया और टिकट भी दे दिया. वह फिर से हैदराबाद के गोशामहल सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
पार्टी का कहना है कि टी राजा सिंह ने बीजेपी के कारण बताओ नोटिस के जवाब में जो स्पष्टीकरण दिया, उस पर विचार करने के बाद पार्टी ने उनका निलंबन रद्द करने का फैसला किया है. उधर, टी राजा सिंह भी निलंबन रद्द होने पर काफी खुश हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, महासचिव बी.एल. संतोष, केंद्रीय मंत्री और पार्टी की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष किशन रेड्डी को धन्यवाद दिया.
टी राजा को एक हिंदूवादी नेता के तौर पर जाना जाता है. वह राज्य में पसंदीदा नेता हैं और उन्हें गौरक्षक के तौर पर जाना जाता है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 5 विधायकों में से सिर्फ टी राजा ही चुनाव जीत बरकरार रखने में कामयाब हुए थे, जबकि किशन रेड्डी जैसे दिग्गज नेता को भी हार का सामना करना पड़ा था. उस वक्त राज्य में तेलंगाना राष्ट्र समिति (भारत राष्ट्र समिति, BRS) की लहर थी, पार्टी ने 119 में से 88 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई. ऐसे माहौल में भी टी राजा अपनी जीत बरकरार रखने में कामयाब रहे.
कौन हैं टी राजा
15 अप्रैल, 1977 को टी राजा सिंह का जन्म हैदराबाद के एक हिंदू परिवार में हुआ था. उनके घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी इसलिए उनका बचपन संघर्षों से भरा रहा. इसके चलते उनकी पढ़ाई भी पूरी नहीं हो सकी. वह बताते हैं कि दशकों पहले उनके बड़े देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाया करते थे. टी राजा ने बताया कि उनके घर की हालत इतनी खराब थी कि उन्होंने ऑडियो और वीडियो कैसेट बेचा करते थे. बाद में उन्होंने कैसेट का बिजनेस बंद कर दिया और इलेक्टिकल वायरिंग का काम शुरू कर दिया. टी राजा की शादी ऊषा सिंह से हुई है.
राजनीतिक सफर
रानजीति में आने से पहले टी राजा बजरंग दल से जुड़े थे और साल 2009 में टीडीपी से नगर पार्षद चुने गए. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी हाथ थाम लिया और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में गोशामहल सीट से जीते. तब से वह इस सीट पर जीतते आ रहे हैं. बीजेपी ने इस बार फिर उन्हें इसी सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया है.
75 से ज्यादा FIR
टी राजा सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, टी राजा के खिलाफ 75 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं. इनमें से ज्यादातर एफआईआर हेट स्पीच, लॉ एंड ऑर्डन के उल्लंघन और कर्फ्यू के आदेशों के उल्लंघन के मामले में दर्ज की गई हैं.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद निलिंबित
पिछले साल टी राजा सिंह अपने एक वीडियो को लेकर विवादों में आ गए थे. 10 मिनट के इस वीडियो में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिस पर बवाल मच गया. कॉमेडिन मुनव्वर फारूकी पर हमला करते हुए उन्होंने यह वीडियो जारी किया था. फारूकी का हैदराबाद में शो था, उससे पहले ही उन्होंने यह वीडियो जारी किया था. इससे पहले फारूकी के शो में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर की गई टिप्पणियों के चलते वह विवादों में चल रहे थे. इस पर टी राजा ने फारूकी को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब हिंदू देवी-देवताओं पर मजाक उड़ाने वाले वीडियो बनाए जा सकते हैं तो मुस्लिम हस्तियों पर क्यों नहीं. उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर मुनव्वर फारूकी का शो हुआ तो वह स्टेज को आग लगा देंगे. इसके बाद उन्हें कस्टडी में ले लिया गया था. वहीं, बीजेपी ने उनके बयानों से किनारा कर लिया और कहा कि ये उनकी निजी विचार हैं, पार्टी इसका समर्थन नहीं करती. फिर उन्हें पार्टी से सस्पेंड भी कर दिया गया.
पहले भी वह कई बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं. साल 2017 में बॉलीवुड फिल्म पद्मावती की रिलीज को लेकर मचे हंगामे के दौरान भी उन्होंने कुछ विवादित बयान दिए थे. उसी साल उन्होंने एक और विवादित बयान में हैदराबाद की ओल्ड सिटी को मिनी पाकिस्तान बता दिया था. जुलाई, 2017 में उन्होंने बंगाल में हिंदुओं से 2002 के गुजरात दंगों की तरह जवाब देने को कहा था. इसके अगले साल 218 में भी वह कई कोंट्रवर्सी में रहे. उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कहा था कि कि अगर वह देश नहीं छोड़ते तो उन्हें गोली मार देनी चाहिए. इसी साल उन्होंने मुसलमानों की धार्मिक किताब कुरान पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया और इसे ग्रीक बुक बताते हुए देश में आतंकवाद का कारण बताया. साल 2020 में उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने बैन कर दिया था. उनका कहना था कि उन्होंने फेसबुक की उस पॉलिसी का उल्लंघन किया है, जो हिंसा और नफरत को बढ़ावा देने या उसमें शामिल होने वाले लोगों को फेसुबक पर उपस्थिति से रोकता है.
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