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Wayanad Landslides Shashi Tharoor faced criticism online for describing a visit to landslide hit Wayanad as a memorable day


Wayanad Landslides Latest News: कांग्रेस नेता शशि थरूर भूस्खलन प्रभावित वायनाड में राहत कार्य का एक वीडियो शेयर करने के बाद इंटरनेट पर कई लोगों के निशाने पर आ गए हैं. दरअसल, इस वीडियो को शेयर करते हुए तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर ने लिखा, “वायनाड में एक यादगार दिन की कुछ यादें”.

इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग उनकी आलोचना करने लगे. लोगों की आपत्ति यादगार शब्द पर थी. हालांकि लगातार होती आलोचनाओं को देखते हुए बाद में थरूर ने “यादगार” शब्द के अपने इस्तेमाल का बचाव करते हुए इसका अर्थ भी समझाया. शेयर किए गए वीडियो में थरूर को ट्रक से राहत सामग्री उतारते हुए दिखाया गया हैइसके बाद राहत शिविरों और भूस्खलन प्रभावित स्थानों पर उनके दौरे के दृश्य दिखाए गए हैं.

बीजेपी के अमित मालवीय ने भी उठाए सवाल

भाजपा नेता और बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने थरुर के इस पोस्ट के लिए उन पर निशाना साधते हुए कहा, “शशि थरूर के लिए मौतें और आपदा यादगार हैं.” वहीं, अन्य यूजर्स ने भी यादगार शब्द के लिए थरूर की खिंचाई की. राय नाम के एक यूजर ने थरूर पर निशाना साधते हुए कहा, “300 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई और राहुल गांधी के करीबी यह कांग्रेस नेता इसे यादगार दिन कह रहे हैं.

कई यूजर्स ने इस शब्द को लेकर किया ट्रोल 

एक्स पर एक और यूजर अनुराग ने लिखा, “मिलिए सांसद शशि थरूर से. वे त्रासदीग्रस्त वायनाड में “यादगार” दिन बिताने गए थे.” एक अन्य यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आपदाग्रस्त इलाके में एक यादगार दिन सोशल मीडिया के जुनून के कारण खराब हो जाता है. दुख की बात है कि इसके बारे में पोस्ट करना वास्तव में मदद करने से ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. निस्वार्थ सेवा की तुलना में सेल्फी को प्राथमिकता दी जा रही है.”

शशि थरूर ने यादगार शब्द पर दी ये सफाई 

वहीं लगातार हो रही आलोचना के बाद एक्स पर अपने दूसरे पोस्ट में थरूर ने लिखा, “सभी ट्रोल्स के लिए: “यादगार” की परिभाषा: कुछ ऐसा जो यादगार हो, याद रखने लायक हो या याद रखने लायक हो, क्योंकि यह खास या अविस्मरणीय हो. मेरा बस इतना ही मतलब था.”

358 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत

बता दें कि 30 जुलाई को वायनाड के मेप्पाडी, मुंडक्कई टाउन और चूरलमाला में तीन बड़े भूस्खलन होने से पूरा गांव ही तबाह हो गया. शनिवार को मरने वालों की संख्या 358 तक पहुंच गई थी, जबकि बचाव दल मलबे के नीचे से शव और शरीर के अंगों को निकालने में अब भी लगे हुए हैं.

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