ED Motion In Ballot Sure States: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, जिनमें 90 विधानसभा सीटों वाला छत्तीसगढ़ अहम राज्य है जहां कांग्रेस को अपनी सत्ता बरकरार रहने की खासी उम्मीदें हैं लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लेकर बड़ा दावा किया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दावे को ईडी के जरिये कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास करार दिया है और कहा है कि एक अनजान व्यक्ति के बयान के आधार पर आरोप लगाया गया है. बीजेपी का कहना है कि एजेंसियां स्वतंत्र हैं और जो भी भ्रष्टाचार करेगा उसकी जांच करेंगी.
एक और चुनावी राज्य राजस्थान में ईडी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के दोनों बेटों से पूछताछ कर रही है. क्या चुनावी माहौल में ईडी की कार्रवाई से फर्क पड़ेगा? आइये समझते हैं.
क्या है भूपेश बघेल पर आरोप?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ईडी ने कहा है कि उसे खुफिया इनपुट मिला था कि छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए महादेव ऐप के प्रमोटरों की ओर से बड़ी मात्रा में धन ले जाया जा रहा है. यह पैसा दुर्ग जिले के भिलाई स्थित होटल ट्राइटन में खड़े एक वाहन से जब्त किया गया. फॉरेंसिक विश्लेषण और पैसे का लेन-देन करने वाले एक शख्स असीम दास के पास से 5.39 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं और उसे गिरफ्तार किया है.
शुक्रवार (3 नवंबर) को ईडी ने दावा किया कि असीम दास के बयान में यह आरोप सामने आया है कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटर भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुके हैं.
क्या कहा भूपेश बघेल ने?
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने अपने X हैंडल से पोस्ट के जरिये अरोप पर पलटवार किया. उन्होंने लिखा, ”जैसा कि मैंने पहले कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ईडी, आईटी, डीआरआई और सीबीआई जैसी एजेंसियों के सहारे छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ना चाहती है. चुनाव के ठीक पहले ईडी ने मेरी छवि धूमिल करने की सबसे कुत्सित प्रयास किया है. यह कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास है जो ईडी के माध्यम से किया जा रहा है.”
उन्होंने लिखा, ”महादेव ऐप’ की कथित जांच के नाम पर ईडी ने पहले मेरे करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे डाले और अब एक अनजान से व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ लेने का आरोप लगा दिया है.” सीएम बघेल ने कहा, ”हम लड़ेंगे और जीतेंगे.”
जैसा कि मैंने पहले कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ईडी, आईटी, डीआरआई और सीबीआई जैसी एजेंसियों के सहारे छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ना चाहती है. चुनाव के ठीक पहले ईडी ने मेरी छवि धूमिल करने की सबसे कुत्सित प्रयास किया है. यह कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास है जो…
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 3, 2023
बता दें कि एक दिन पहले ही (2 नवंबर को) बघेल ने भूपेश बघेल ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि छत्तीसगढ़ में उतरने वाले सभी विशेष विमानों की जांच की जाए. उन्होंने ईडी और सीआरपीएफ के वाहनों की भी जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा था लोगों को आशंका है कि बीजेपी चुनाव में रुपयों का इस्तेमाल कर रही है.
बघेल पर लगे इस आरोप के चलते बीजेपी हमलावर है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रमन सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल को जांच का सामना करना पड़ेगा.
क्या है अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का मामला?
चुनावी राज्य राजस्थान में भी कुछ मामलों में ईडी की जांच चल रही है. ईडी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से भी पूछताछ कर रही है. वहीं, पेपर लीक मामले में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा दोनों बेटों को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है.
वैभव गहलोत से ईडी ने 30 अक्टूबर को दिल्ली के कार्यालय में करीब 7 घंटे पूछताछ की थी और अब उन्हें 16 नवंबर को उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया है. वहीं, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के छोटे बेटे अभिलाष डोटासरा को 7 नवंबर और बड़े बेटे अविनाश डोटासरा को 8 नवंबर को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है.
किस मामले में वैभव गहलोत से पूछताछ?
वैभव गहलोत ने मीडिया को बताया था कि ईडी ने फेमा यानी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत उन्हें समन भेजा था. वैभव ने दावा किया कि उन्होंने या उनके परिवार ने कभी विदेशों से अवैध लेन-देन नहीं किया है, इसलिए उनके खिलाफ फेमा का मामला नहीं बनता है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल में वैभव गहलोत ने पत्रकारों से कहा था कि यह 12 साल पुराना मामला है और 12 साल पहले वह आरोपों पर जवाब दे चुके हैं.
अशोक गहलोत ने क्या कहा?
अशोक गहलोत ने 26 अक्टूबर को अपने X हैंडल से एक पोस्ट में कहा, ”25 अक्टूबर को राजस्थान की महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां लॉन्च हुईं. 26 अक्टूबर को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के यहां ईडी की रेड पड़ी. मेरे मेरे बेटे वैभव गहलोत को ईडी ने हाजिर होने का समन दिया. अब आप समझ सकते हैं, जो मैं कहता आ रहा हूं कि राजस्थान के अंदर ई़डी की रेड रोज इसलिए होती है क्योंकि बीजेपी ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस की ओर से दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके.”
इसी दिन अशोक गहलोत ने परोक्ष रूप से ईडी की कार्रवाई को केंद्र की गुंडागर्दी करार दिया था. उन्होंने कहा था, ”…गुंडागर्दी है ये, ऊपर के दबाव के बिना न ईडी आ सकती है, न सीबीआई, न इनकम टैक्स.”
वहीं, 27 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि एक मुख्यमंत्री को कहना पड़ रहा है कि ”कुत्तों से भी ज्यादा घूम रही ईडी आज देश के अंदर.” उन्होंने कहा कि ईडी के बारे में ये कमेंट करना, आप सोच सकते हैं कि क्यों किया गया… आप (ईडी) रोज तंग कर रहे हो, क्या करेगा मुख्यमंत्री…”
गोविंद सिंह डोटासरा के दोनों बेटों को ईडी ने क्यों बुलाया?
ईडी ने 26 अक्टूबर को कथित पेपर लीक मामले में राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सीकर और जयपुर से संबंधित स्थानों पर छापे मारे थे. उस दोनों उनके दोनों बेटों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए थे. माना जा रहा है कि ईडी को मोबाइल फोन की जांच में कुछ जानकारी हाथ लगी होगी, इसीलिए डोटासरे के बेटों को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया है.
राहुल गांधी का आरोप
बता दें कि चुनावी राज्यों में तेलंगाना भी शामिल है और 30 नवंबर को यहां विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे. 17 सितंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हैदराबाद के पास तुक्कूगोड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते कहा था कि विपक्ष के सभी नेताओं पर कोई न कोई केस है. ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हैं लेकिन सीएम केसीआर और एआईएमआईएम के नेताओं पर कोई केस नहीं होता.
राहुल ने दावा किया था कि पीएम मोदी केसीआर और एआईएमआईएम को अपना मानते हैं. वह अपनों पर हमला नहीं करते हैं.
केसीआर की बेटी से ईडी कर चुकी है पूछताछ
हालांकि, दिल्ली आबकारी नीति मामले में केसीआर के बेटी और बीआरएस नेता के कविता को पिछले दिनों ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. दरअसल, ईडी के आरोपों के मुताबिक, के कविता आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर के संपर्क में थी. ईडी के मुताबिक, नायर ने साउथ ग्रुप नाम के समूह से कम से कम 100 करोड़ रुपये की घूस ली थी. एजेंसी के मुताबिक, के कविता साउथ ग्रुप का हिस्सा थीं और समूह ने रिश्वत देकर दिल्ली की शराब नीति में परिवर्तन कराए थे. नायर को सीबीआई ने पिछले साल गिरफ्तार किया था. के कविता ने केंद्र पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था.
क्या चुनावी माहौल में ईडी के एक्शन से चुनाव पर असर पड़ेगा?
छत्तीसगढ़ में दो चरणों 7 और 17 नवंबर को मतदान होना है. राजस्थान में 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. मतगणना 3 दिसंबर को होगी. दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं. बीजेपी सत्ता में वापसी करने के लिए लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. चूंकि चुनाव में वक्त कम है ऐसे में भूपेश बघेल के खिलाफ लगे आरोप से बीजेपी को उन्हें घेरने का मौका मिल गया है. बीजेपी चुनावी अभियान में इसे भुनाना चाहेगी.
राजस्थान में चूंकि सीएम के बेटे के खिलाफ ईडी पूछताछ कर रही है, ऐसे में इस बहाने बीजेपी उन्हें भी घेर सकती है. हालांकि, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान सरकार में मंत्री टीकाराम जूली का कहना है कि जनता ईडी की इन कार्रवाइयों का मतलब समझ चुकी है और जांच एजेंसी जितनी कार्रवाई करेगी, जनता का उतना ज्यादा कांग्रेस के साथ जुड़ती जाएगी.
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