Religious Conversion in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर एक बड़े षड्यंत्र का खुलासा हुआ है. यूपी एटीएस ने एक संगठित अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य आरोपी छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है. यह नेटवर्क न केवल विदेशी फंडिंग से संचालित होता था, बल्कि जातियों के आधार पर धर्मांतरण के रेट तक तय थे. जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं – जैसे ब्रेनवॉश, फर्जी प्रेमजाल, विदेशी यात्राएं, और लग्ज़री संपत्तियों का अधिग्रहण. पुलिस इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द से जुड़ा गंभीर मामला मानकर तफ्तीश में जुट गई है.
धर्मांतरण रैकेट का सरगना- छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस की एटीएस व एसटीएफ टीम ने बलरामपुर जिले के उटरौला कस्बे से जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया, जो खुद को हाजी पीर जलालुद्दीन के नाम से प्रचारित करता था. जांच में सामने आया है कि वह एक संगठित नेटवर्क के तहत लड़कियों को बहला-फुसलाकर जबरन धर्मांतरण करवाता था.
उसके साथ आरोपी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को भी गिरफ्तार किया गया है. FIR में जिन अन्य लोगों के नाम हैं, उनमें महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, एमेन रिजवी (कथित पत्रकार), सगीर शामिल हैं.
विदेशी फंडिंग और बैंक लेन-देन का बड़ा खेल
जांच एजेंसियों के अनुसार, इस नेटवर्क को 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग खासकर इस्लामिक और खाड़ी देशों से मिली है. गिरोह के पास 40 से अधिक बैंक खाते हैं, जिनमें भारी लेन-देन हुआ है. ADGP अमिताभ यश के अनुसार, जलालुद्दीन ने 40–50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है और बलरामपुर में कई संपत्तियां भी खरीदी हैं. आरोपियों ने एक साल के भीतर बंगले, लग्ज़री गाड़ियां और शोरूम जैसी संपत्तियां खरीदीं.
ब्रेनवॉश, नाम बदलना और जाति आधारित रेट लिस्ट
जांच में सामने आया है कि जलालुद्दीन और नीतू रोहरा ने मुंबई निवासी नवीन घनश्याम रोहरा, उनकी पत्नी नीतू और बेटी समाले का ब्रेनवॉश कर उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया. धर्म बदलने के बाद उनके नाम जलालुद्दीन, नसरीन और सबीहा रखे गए. लखनऊ की गुंजा गुप्ता को आरोपी अबू अंसारी ने अमित बनकर प्रेमजाल में फंसाया और फिर जलालुद्दीन की दरगाह ले जाकर जबरन धर्मांतरण करवाया गया. उसका नाम बदलकर अलीना अंसारी रखा गया.
इस गिरोह ने जातियों के हिसाब से धर्मांतरण के रेट तय कर रखे थे:
ब्राह्मण/क्षत्रिय/सरदार लड़कियों के लिए: ₹15–16 लाख
पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए: ₹10–12 लाख
अन्य जातियों के लिए: ₹8–10 लाख
धमकी, दबाव और पूरे देश में नेटवर्क
गिरोह गरीबों और असहायों को धर्म बदलने का दबाव देता था. बात न मानने पर मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाती थी. आजमगढ़ के देवगांव थाने में भी छांगुर बाबा और उसके रिश्तेदारों पर अवैध धर्मांतरण का मामला (FIR नं. 221/23) दर्ज है. एसटीएफ का कहना है कि नेटवर्क की पहुंच पूरे भारत में है और इसमें अंतरराष्ट्रीय संपर्क भी सामने आ रहे हैं. जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क के हर स्तर की परतें खोलने में जुटी हैं और आने वाले समय में और गिरफ्तारियां संभावित हैं.

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