Torres Ponzi Scam: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने रविवार (26 जनवरी 2025) को टोरेस ज्वैलरी ब्रांड की सिस्टर कंपनी, प्लेटिनम हर्न के CEO तौसीफ रियाज को गिरफ्तार किया है. रियाद इस मामले में पांचवें आरोपी थे और महीनों से फरार थे और उन्हें लोनावला में एक होटल से पकड़ा गया.
रियाज को मुंबई कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें तीन फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. यह गिरफ्तारी टोरेस ज्वैलरी द्वारा चलाए जा रहे धोखाधड़ी निवेश योजना की जांच के बीच हुई है, जिसके कारण 3,700 से अधिक निवेशक बड़े वित्तीय नुकसान का सामना कर चुके हैं.
जांच का सिलसिला
टोरेस पोंजी स्कैम का खुलासा दिसंबर 2024 में हुआ, जब सैकड़ों निवेशक मुंबई के दादर स्थित टोरेस वास्तु सेंटर के बाहर इकट्ठा हुए, क्योंकि कंपनी ने किए गए वादों के तहत भुगतान बंद कर दिया था. निवेशकों को सोने, चांदी और मोइसानाइट ज्वैलरी में निवेश करने के लिए आकर्षित किया गया था, जिनके बारे में वादा किया गया था कि उन्हें उच्च रिटर्न मिलेंगे, जिनमें कार, फ्लैट और गिफ्ट हैम्पर शामिल थे.
हालांकि, जब कंपनी इन वादों को पूरा नहीं कर पाई तो इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसके बाद जांच एजेंसियों ने मामला दर्ज किया. रियाज ने दावा किया था कि वह पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) को टोरेस पोंजी स्कैम की जानकारी दे चुके थे, लेकिन फिर भी वह गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे.
पोंजी स्कैम की योजना और धोखाधड़ी
प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार (24 जनवरी 2025) को टोरेस फ्रॉड के हिस्से के रूप में 21 करोड़ से अधिक के बैंक डिपॉजिट फ्रीज कर दिए. 23 जनवरी को ED ने मुंबई और जयपुर में 10 स्थानों पर छापे मारे, जिनमें टोरेस ज्वैलरी के प्रमोटरों से जुड़े संपत्तियां शामिल थीं. जांचकर्ताओं ने बताया कि इस पोंजी स्कैम में वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का एक जटिल नेटवर्क शामिल था.
टोरेस पोंजी स्कैम में अब तक 57 करोड़ के नुकसान का अनुमान है. पुलिस के अनुसार, इस ज्वैलरी ब्रांड ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग और धोखाधड़ी विज्ञापन के जरिए निवेशकों को आकर्षित किया. कंपनी के प्रमोटरों ने आकर्षक रिटर्न का वादा किया था, लेकिन जब वे इसे पूरा नहीं कर पाए, तो लाखों निवेशकों का आर्थिक नुकसान हुआ.
निवेशकों को धोखा देने वाली योजनाएं
एफआईआर के अनुसार, कंपनी और उसके प्रमोटरों ने निवेशकों को सोने, चांदी, हीरे की ज्वैलरी और रत्नों में निवेश करने के लिए ललचाया और वादा किया कि हर हफ्ते 2-9 प्रतिशत तक का रिटर्न मिलेगा. इसके अलावा, नए निवेशकों को भर्ती करने के लिए बोनस की व्यवस्था की गई थी, जिससे और अधिक लोगों को धोखा दिया जा सके.
कंपनी ने सिंथेटिक मोइसानाइट पत्थरों को हीरे के समान उच्च मूल्य के निवेश के रूप में बेचा, जिनकी कीमतें अधिक बताई गई थीं और निवेशकों को उनके मूल्य में वृद्धि का झांसा दिया गया था. इसके अलावा, कंपनी ने सोशल मीडिया पर प्रचार, सेमिनार आयोजित किए और “अनधिकृत” लकी ड्रॉ कराए, जिनमें लग्जरी पुरस्कार जैसे कार और महंगे मोबाइल फोन दिए जाने का लालच दिया गया.
जांच के जारी रहने के साथ, अधिकारियों का ध्यान अन्य संदिग्धों को पकड़ने और स्कैम के पूरे दायरे को उजागर करने पर है. मामले ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया है, और आने वाले सप्ताहों में और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है.
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