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TMC MP Mahua Moitra Cash For Query Case Lok Sabha Ethics Committee BJP Nishikant Dubey


Mahua Moitra Cash For Query Case: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा इन दिनों ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले यानी कैश लेकर संसद में सवाल पूछने के केस में फंसी हुई हैं. गुरुवार (2 नवंबर) का दिन महुआ के लिए काफी अहम रहा. दरअसल, महुआ ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं. इस दौरान उनसे बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को अपने संसदीय लॉगिन-आईडी देने को लेकर सवाल हुआ. इसके बदले मिले पैसे पर भी सवाल किए गए. 

वहीं, महुआ ने आरोप लगाया है कि एथिक्स कमेटी ने उनसे आपत्तिजनक सवाल पूछे. उनसे पूछा गया कि रात में वह किससे बात करती हैं. इस तरह के सवालों से परेशान होकर एथिक्स कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया. इन सबके बीच महुआ पर ‘कैश फॉर क्वेरी’ का आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि विपक्षी सांसदों का वॉकआउट करना महुआ के मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश है. ऐसे में आइए जानते हैं कि महुआ की पेशी से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ है. 

एथिक्स कमेटी के सामने पेशी

महुआ मोइत्रा गुरुवार सुबह लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं. एथिक्स कमेटी की अध्यक्षता बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर के पास थी. इस समिति में बीजेपी और विपक्ष के सांसद शामिल थे. इसमें से 5 सांसद विपक्ष के थे. महुआ सुबह 11 बजे एथिक्स कमेटी के पास पहुंची थीं. इस दौरान उन्हें तीन बैग के साथ आते हुए देखा गया. 

एथिक्स कमेटी से वॉकआउट

टीएमसी सांसद से एथिक्स कमेटी ने लगभग एक घंटे तक सवाल-जवाब किया. लेकिन जल्द ही वह एथिक्स कमेटी के सवालों से नाराज होकर वहां से बाहर निकल गईं. इस दौरान उन्हें विपक्ष के सांसदों का समर्थन मिला. कांग्रेस सांसद और समिति के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी और बसपा के दानिश अली सहित पांचों विपक्षी सांसदों ने महुआ के साथ कमेटी से वॉकआउट कर दिया. 

महुआ ने क्या आरोप लगाए? 

टीएमसी सांसद ने कहा कि एथिक्स कमेटी के सामने पेशी के दौरान उनसे अपमानजनक सवाल पूछे गए. उन्होंने कहा कि उनकी निजी जिंदगी को लेकर अप्रासंगिक जानकारी मांगी गई. महुआ ने कहा कि एथिक्स कमेटी के भीतर हुई बातों को सार्वजनिक नहीं करना होता है, मगर वह ऐसा इसलिए कर रही हैं, क्योंकि उन्हें मुहावरे की भाषा में वस्त्रहरण का सामना करना पड़ा. 

महुआ ने कहा कि समिति के अध्यक्ष ने मेरी निजी जिंदगी के बारे में सबसे सस्ते अशोभनीय सवाल पूछने पर जोर दिया. उन्होंने पूछा कि आप रात में किससे बात करती हैं, कितनी बार करती हैं, क्या आप मुझे कॉल डिटेल्स दे सकती हैं. उन्होंने बताया कि उनसे पूछा गया कि क्या आप एक्स के साथ किसी होटल में गई थीं, क्या आप लोग वहां रुके थे, पिछले पांच साल में आपने क्या किया. 

विपक्षी सांसद क्या बोले? 

कांग्रेस के एन उत्तम कुमार रेड्डी, बसपा के दानिश अली और जद (यू) के गिरधारी यादव सहित विपक्षी सदस्यों ने कमेटी के अध्यक्ष सोनकर को निशाने पर लिया. कांग्रेस सांसद ने कहा कि महिला सांसद से निजी सवालों को पूछा गया. रेड्डी ने आरोप लगाया कि यह एक हास्यास्पद कवायद है. हमें उनसे पूछे गए सवाल अशोभनीय और अनैतिक लगे. सोनकर किसी के इशारे पर काम कर रहे थे. दानिश अली ने अशोभनीय और अनैतिक सवालों को लेकर कमेटी के प्रमुख पर निशाना साधा. 

एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष ने क्या कहा? 

एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने कहा कि विपक्षी सांसद इसलिए आरोप लगा रहे हैं, ताकि महुआ को इस मामले में बचाया जा सके. उन्होंने महुआ संग विपक्षी सांसदों के बाहर जाने को वीभत्स करार दिया. बीजेपी सांसद भी अध्यक्ष का बचाव करते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि महुआ से बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को लेकर ही सवाल किए गए. कमेटी की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि जब मोइत्रा से हीरानंदानी के हलफनामे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ‘क्रोधित, दंभ भरा और अहंकारी’ व्यवहार किया.

निशिकांत दुबे ने महुआ पर बोला हमला

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि एथिक्स कमेटी की कार्यवाही को लेकर गलत छवि बनाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि एथिक्स कमेटी को महुआ से पूछताछ करनी है. लेकिन विपक्ष को इस बात को लेकर परेशानी हो रही है कि कमेटी का नेतृत्व एक ओबीसी सदस्य के पास है. वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि उनके जरिए दिए गए सबूतों के आधार पर महुआ को कोई ताकत नहीं बचा सकती है. 

अब आगे क्या होगा? 

एथिक्स कमेटी ने चार घंटे से ज्यादा समय तक बैठक की है. अब कमेटी अपनी सिफारिशों को तैयार कर अगली बैठक में एक रिपोर्ट स्वीकार करेगी. अभी तक ये तय नहीं हुआ है कि अगली बैठक कब होगी. लेकिन ये साफ हो गया है कि महुआ के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कमेटी की तरफ से की जाने वाली है. कमेटी ने महुआ के गुस्से वाले शब्दों और उनके व्यवहार को गंभीरता से लिया है. 

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