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Supreme Court UP Govt Notice Congress Pawan Khera PM Narendra Modi Remark Criminal Proceedings


Pawan Khera: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (16 अक्टूबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के खिलाफ चल रहे मुकदमे पर सुनवाई की. शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में पवन खेड़ा ने अपने ऊपर चल रहे मुकदमे को निरस्त करने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा की याचिका पर मामले की सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी किया और जवाब मांगा. 

इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही कांग्रेस नेता की याचिका को खारिज कर चुका है. खेड़ा ने इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी. इसे लेकर उनके खिलाफ वाराणसी और असम में केस भी दर्ज हुआ, जिसे मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ ट्रांसफर कर दिया था. पवन खेड़ा को गिरफ्तार भी कर लिया गया था. हालांकि, मामला लखनऊ ट्रांसफर होने के बाद अब पवन खेड़ा चाहते हैं कि केस को ही निरस्त कर दिया जाए. 

सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

पवन खेड़ा के मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने की. कांग्रेस नेता की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके खिलाफ अभी भी मुकदमा चल रहा है. उन्हें कार्रवाई पर रोक लगानी चाहिए. इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि आप अदालत से नोटिस जारी करने का अनुरोध कर रहे हैं. फिर अदालत ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. 

पिछली सुनवाई पर क्या हुआ था? 

सुप्रीम कोर्ट पर जब पिछली बार सुनवाई हुई थी, तो खेड़ा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी का कहना था कि उनके मुवक्किल ने अनजाने में टिप्पणी कर दी थी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर माफी भी मांग ली थी. उन्होंने अदालत से उन धाराओं को देखने की भी गुजारिश की थी, जिसके तहत खेड़ा पर मुकदमा दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया था कि खेड़ा पर मानहानि, देश को नीचा दिखाने और अस्थिर करने की कोशिश करने, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देने वाली धाराओं के तहत केस हुआ है. 

क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, फरवरी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बोलते हुए ‘नरेंद्र गौतम दास मोदी’ जैसी विवादित टिप्पणी कर दी. इसके बाद काफी बवाल मचा. उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ और फिर असम पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया. हालांकि, गिरफ्तारी वाले दिन ही खेड़ा को राहत मिल गई, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत दे दी. इसे आगे 28 फरवरी से 3 मार्च और फिर 17 मार्च तक बढ़ाया गया. 

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