High 6 Supreme Court Hearing: देश में आज शुक्रवार (22 सितंबर) को कई अहम मामलों पर सुनवाई होनी है. इसमें सनातन धर्म के खिलाफ उदयनिधि स्टालिन के बयान से लेकर कम प्रदूषण करने वाले पटाखों को मंजूरी देने के मसले तक कई बड़े केस शामिल हैं. आइए जानते हैं कि कौन से वो बड़े मामले हैं जिनकी सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी.
आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
1. पहला केस देश में ग्रीन क्रैकर्स यानी कम प्रदूषण करने वाले पटाखों को मंजूरी देने की याचिका से जुड़ा है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुबह 10.30 बजे फैसला देगा. केंद्र सरकार और पटाखा निर्माताओं ने ऐसे पटाखे बनाने की मंजूरी देने का अनुरोध किया है और कोर्ट में कम प्रदूषण वाले पटाखों का फॉर्मूला भी रखा है. इस फैसले का असर बड़ी संख्या में दिल्ली-एनसीआर के उन शहरों के लोगों पर असर डालेगा, जहां सरकार ने पिछले कुल सालों से पटाखा बिक्री का लाइसेंस नहीं दिया है.
2. दूसरा मामला सनातन धर्म के खिलाफ उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के बयानों से जुड़ा है. इसकी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. मामले को लेकर चेन्नई के एक वकील ने याचिका दाखिल कर मांग की है कि उदयनिधि और राजा पर एफआईआर हो. इसके अलावा भी कई बड़ी बातों की याचिका में मांग की गई है.
3. तीसरा केस मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़ा हुआ है. इस केस की याचिका में मांग की गई है कि ईदगाह परिसर का वैज्ञानिक सर्वे किया जाए. इससे पहले याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी और कहा था कि पहले मुस्लिम पक्ष को याचिका की स्वीकार्यता पर दलील रखने का मौका मिले.
4. चौथा मामला कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच को लेकर है. इस केस में सीबीआई ने हाई कोर्ट की तरफ से जांच पर लगाई गई अंतरिम रोक को चुनौती दी है.
5. ईवीएम में खराबी की शिकायत झूठी निकलने के बाद सजा के प्रावधान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ता का कहना है कि इसके कारण लोग शिकायत करने से डरते हैं.
6. छठा केस साल 2000 के प्रभात गुप्ता हत्याकांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बरी किये जाने के खिलाफ दायर याचिका से जुड़ा है जिसकी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.
यह भी पढ़ें:-
India-Canada Stress: ‘कनाडा की हो रही फजीहत, बन रहा आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह’, भारतीय विदेश मंत्रालय की निज्जर विवाद पर खरी-खरी