Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (21 अक्टूबर) को लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर को मोहम्मद फैजल को बड़ी राहत देते हुए उनकी सदस्यता बरकरार रखी थी और दोष सिद्दि पर मुहर लगाने वाले केरल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का लगाया जुर्माना
न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील अशोक पांडे की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि यह याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है. याचिकाकर्ता के किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है. इसी के साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. कोर्ट ने पांडे को राशि का 50 प्रतिशत सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और बाकी सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड कल्याण कोष में जमा करने का निर्देश दिया.
अशोक पांडे ने कोर्ट को बताया कि वो एक वकील हैं और उन्होंने पहले भी कई जरूरी याचिकाएं दायर की हैं. इस पर बोलते हुए बेंच ने कहा कि अगर आप वकील हैं तो आपको ऐसी फालतू याचिकाएं दाखिल करने से पहले दो बार सोचना चाहिए. कोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि यदि चार हफ्ते के अंदर राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो उनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी.
जनप्रतिनिधि कानून के तहत अगर 2 साल की सजा होती है तो संसद सदस्य या विधानसभा सदस्य की सजा रद्द हो जाती है. 11 जनवरी 2023 को अदालत ने मोहम्मद फैजल को हत्या का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी. इसके बाद 13 जनवरी को लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें संसद सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था, जिसके बाद मोहम्मद फैजल ने इसको लेकर अपील दायर की थी.
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