Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें अभी और बढ़ने वाली हैं. शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी पर प्रतिबंध लगाने और उसका पंजीकरण रद्द करने के अनुरोध वाली एक याचिका सोमवार (19 अगस्त) को उच्च न्यायालय में दायर की गई. याचिका में इस महीने की शुरुआत में बांग्लादेश में प्रदर्शन के दौरान छात्रों के मारे जाने में पार्टी की कथित संलिप्तता का हवाला दिया गया.
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटीटी) में शेख हसीना और उनके मंत्रिमंडल के पूर्व सदस्यों सहित 26 अन्य के खिलाफ कथित नरसंहार और मानवता के विरूद्ध अपराध की सोमवार (19 अगस्त) को शिकायत दायर की गई.
पंजीकरण रद्द करने का किया अनुरोध
‘यूएनबी’ समाचार एजेंसी के अनुसार, उच्च न्यायालय में दायर याचिका में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान छात्र प्रदर्शनकारियों की सामूहिक हत्या के लिए अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने और राजनीतिक दल के रूप में उसका पंजीकरण रद्द करने का भी अनुरोध किया गया है.
याचिका में उन्होंने संबंधित प्राधिकारों को पूर्व प्रधानमंत्री हसीना (76) के नाम पर स्थापित संस्थानों के नाम बदलने तथा विदेश में कथित रूप से जमा किए गए 11 लाख करोड़ टका को देश में वापस लाने का आदेश देने का अनुरोध किया.
दर्ज कराई शिकायत
रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान मारे गए शहरयार हसन अल्वी के पिता मोहम्मद अबुल हसन ने आईसीटी की जांच एजेंसी में शेख हसीना (76) सहित उनके 27 सहकर्मियों तथा 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दायर की है.
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शिकायत में अन्य प्रमुख आरोपी एवं पूर्व मंत्री उबैद उल कादिर, राशिद खान मेनन, हसन उल हक इनु और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) अब्दुल्ला अल मामून के नाम शामिल हैं. सरकार विरोधी छात्र आंदोलन के बीच, शेख हसीना पांच अगस्त को अपने पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर भारत आ गई थीं.