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Sexual Assault Victims Often Discouraged From Filing FIR Disbelieved By Authorities Says Calcutta HC


Calcautta HC on Sexual Assault: कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएं पीड़ितों को जिंदगीभर दर्द देती हैं, लेकिन कई बार समाज और बदनामी के डर से लोग शिकायत दर्ज नहीं करवाते हैं. कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए उन कारणों पर बात की जिसकी वजह से लोग एफआईआर दर्ज कराने से डरते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कई बार प्रशासन विश्वास नहीं करता है. इस वजह से भी पीड़ित परिवार यौन उत्पीड़न के मामलों में शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं.

जस्टिस बिबेक चौधरी की सिंगल बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज शिकायत खारिज करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने याचिका खारिज करने से इनकार करते हुए कहा कि ये घटनाएं अंदर तक दुख पहुंचाती हैं और पूरी जिंदगी ये दर्द पीड़ित महसूस करता है.

कोर्ट की अहम टिप्पणी
इस मामले में पीड़िता ने अपने पिता के चाचा के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. शिकायत के मुताबिक, उसका 2018 और 2019 में यौन शोषण किया गया, जब उसकी उम्र 15-16 साल थी. हालांकि, पीड़िता ने 18 साल की उम्र में शिकायत दर्ज करवाई थी.  कोर्ट ने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने में देरी इसे रद्द करने का आधार नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात ये है कि इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि कब पीड़ित  के साथ हादसा हुआ, उससे निकलने में कितना समय लगा और कब वह शिकायत दर्ज कराने की हालात में थी क्योंकि यह दर्द जिंदगीभर के लिए होता है.

पीड़िता ने जब अपने पिता को इसके बारे में बताया तो उन्होंने उसको ही झूठा बता दिया और कहा कि उसके दिमाग में गंदगी भरी है. यहां तक कि उसके भाईयों ने भी शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन पिता ने उनको भी धमका दिया. पीड़िता के माता-पिता अलग हो चुके हैं और आरोपी का कहना है कि इसके तहत ही उन पर यह आरोप लगाया गया है. हालांकि, कोर्ट ने आरोपी की दलीलों पर असंतुष्टी जताते हुए याचिका खारिज कर दी.

दीवाली और रक्षाबंधन पर हुई थी घटनाएं
उधर, पीड़िता के वकील ने बताया कि उसके माता-पिता के अलगाव के दौरान, जब पत्नी ने फाइनेंशियल स्टेटस का हावाला देते हुए बच्चों को पति के पास छोड़ने का हवाला दिया तो बेटी ने अपने साथ हुई इस घटना के बारे में बताया. इसके चलते उसको काफी ट्रॉमा भी सहना पड़ा और साल 2020 में वह काफी बीमार हो गई थी. पीड़िता ने बताया कि 2018 और 2019 में दीवाली और रक्षाबंधन के मौके पर उसके साथ ये घटनाएं हुईं, जिसमें गलत तरीके से छूने जैसी हरकतें करने का आरोप लगाया गया है.

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