TMC On Santiniketan: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ‘विश्व भारती विश्वविद्यालय’ के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती पर यूनेस्को की ओर से शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर स्थल घोषित किए जाने का अनुचित श्रेय लेने का आरोप लगाया.
प्रधानमंत्री विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं. सरकार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने अकाउंट से किए एक पोस्ट में चक्रवर्ती की ओर से कथित तौर पर लगाई गई एक पट्टिका की तस्वीर साझा की, जिसमें शांतिनिकेतन को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किए जाने का उल्लेख किया गया है.
पट्टिका में केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में नरेंद्र मोदी और कुलपति के रूप में चक्रवर्ती का नाम शामिल है. यूनेस्को वेबसाइट के मुताबिक, ”प्रसिद्ध कवि और दार्शनिक रवीन्द्रनाथ टैगोर की ओर से 1901 में पश्चिम बंगाल में स्थापित शांतिनिकेतन प्राचीन भारतीय परंपराओं और धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे मानवता की एकता की दृष्टि पर आधारित एक आवासीय विद्यालय और कला केंद्र है.”
यूनेस्को के अनुसार नोबेल पुरस्कार विजेता कवि ने 1921 में यहां एक विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन को 17 सितंबर को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था. सरकार ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) रात को ‘एक्स’ पर कहा, ”यूनेस्को ने विशेष रूप से कहा कि वे शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर स्थल घोषित कर रवीन्द्रनाथ टैगोर और उनकी विरासत का सम्मान कर रहे हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि कुलपति और उनके ‘बॉस’ को लगता है कि यूनेस्को उनका सम्मान कर रहा है.”
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि सरकार के शब्दों का राज्य के लोगों के लिए कोई महत्व नहीं है. भट्टाचार्य ने कहा, ”जवाहर सरकार को इस देश के लोग जानते हैं. उन्हें लगता है कि उन्हें ऐसी बातें बोलनी होंगी क्योंकि उन्हें तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद बनाया है.’’ विश्व भारती के प्रवक्ता महुआ बंद्योपाध्याय से संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करनी है.
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