Tamil Nadu Governor On Sanatan Row: सनातन धर्म पर तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी पर बवाल मचा हुआ है. इस बीच तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने भी इस विवाद पर अपनी राय रखी. आरएन रवि ने रविवार (17 सितंबर) को एक कार्यक्रम में कहा, ”हमारा संविधान धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि जो लोग सनातन के खिलाफ बातें कर रहे हैं. वे विदेशी ताकतों के इशारे पर देश को तोड़ने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.”
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की ओर से जारी किए गए वीडियो में राज्यपाल आरएन रवि ने कहा, “हमारा संविधान धर्म के खिलाफ नहीं है. कुछ लोग ऐसे हैं जो देश को तोड़ना चाहते हैं. उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की गलत व्याख्या की है. हमें हमारे संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सही मायने को समझना होगा. हकीकत यह है कि जो लोग हिंदुत्व को खत्म करने की बात कर रहे हैं, उनका विदेशी शक्तियों के साथ मिलकर देश को तोड़ने का छिपा हुआ एजेंडा है.”
आरएन रवि ने दी चेतावनी
राज्यपाल ने यह भी चेतावनी दी कि ऐसा कोई भी एजेंडा सफल नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा, “ऐसे लोग कभी सफल नहीं होंगे, क्योंकि भारत में एक अंतर्निहित ताकत अपने आप मौजूद है.”
‘तमिलनाडु में सबसे ज़्यादा जातिगत भेदभाव’
उन्होंने तमिलनाडु में ही सबसे अधिक सामाजिक बुराइयों के होने की बात कही. राज्यपाल ने कहा, “दुर्भाग्य से हमारे समाज में कुछ भेदभाव हैं. एक बड़े तबके के भाई बहनों को समानता की नजर से नहीं देखा जा रहा. ऐसा करने के लिए हिंदू धर्म में कहीं नहीं कहा गया है. यह एक सामाजिक बुराई है और निश्चित तौर पर इसका खात्मा होना चाहिए.”
‘सामाजिक भेदभाव बड़ी समस्या’
उन्होंने खास तौर पर तमिलनाडु में ऐसी बुराइयों के होने का जिक्र करते हुए कहा, “हमारे राज्य में सामाजिक भेदभाव एक बड़ी प्रॉब्लम आज भी है. रोज ही मुझे अनुसूचित जाति के अपने भाइयों-बहनों के साथ भेदभाव की ऐसी कहानियां सुनाने को मिलती हैं, जिनमें उन्हें मंदिरों में नहीं घुसने दिया जाता. यहां युवा जाति के बंधन में हैं. एक ऐसा राज्य जो सामाजिक न्याय की बात करता है, वहां रहने वाले लोगों का जाति के नाम पर शोषण हो रहा है. आसपास के पड़ोसी राज्यों से ऐसी कहानियां सुनने को नहीं मिलतीं.”
कांग्रेस सांसद कार्ति चिंदबरम ने राज्यपाल पर साधा निशाना
राज्यपाल आरएन रवि के इस बयान पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने पलटवार किया. एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “राज्यपाल लंबे समय से राज्य में समस्या खड़ी करते रहे हैं. इसके पहले जब वह नागालैंड के राज्यपाल थे, तब भी वहां समस्याएं खड़ी की थी. राष्ट्रपति ( द्रौपदी मुर्मू ) से अपील करता हूं कि वह राज्यपाल को पद से हटाकर उन्हें वापस बुला लें. वह अब हमेशा संवैधानिक पद की सीमाओं को पार कर रहे हैं.”
उदयनिधि ने डेंगू-मलेरिया से की थी सनातन धर्म की तुलना
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू-मलेरिया की तरह है. इसका विरोध नहीं कर सकते, इसे जड़ से खत्म करना होगा. इस पर खूब विवाद हुआ था. उसके बाद तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके के सांसद ए राजा ने भी सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर इन नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है.
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