India or Bharat Renaming Row: ‘भारत या इंडिया’ नाम को लेकर चल रही बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से बड़ा बयान दिया गया. आरएसएस (RSS) के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य (Manmohan Vaidya) ने शनिवार (16 सितंबर) को कहा कि देश का नाम भारत है और इसे भारत ही रहना चाहिए.
आरएसएस के सह-सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा, “प्राचीन काल से भारत लोकप्रिय नाम रहा है. इसलिए यही रहना चाहिए.” मनमोहन वैद्य और आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की समन्वय समिति की तीन दिवसीय बैठक के समापन पर एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे.
सनातन धर्म को लेकर क्या कहा?
सनातन संस्कृति पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मनमोहन वैद्य ने कहा, “सनातन धर्म का मतलब धर्म नहीं है. सनातन सभ्यता एक आध्यात्मिक लोकतंत्र है. जो लोग सनातन के बारे में बयान देते हैं उन्हें पहले इस शब्द का मतलब समझना चाहिए.”
“महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर”
डॉ. वैद्य ने कहा कि आरएसएस से प्रेरित संगठन सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनकी अग्रणी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास करेंगे. भारतीय परिवारों में महिलाओं की भूमिका सबसे प्रमुख होती है. इसलिए महिलाओं को समाज के हर क्षेत्र में मुख्य भूमिका निभानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि बैठक में आरएसएस के शताब्दी वर्ष में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के विषय पर विस्तार से चर्चा हुई. महाराष्ट्र के पुणे में हुई इस बैठक में बीजेपी सहित संघ से जुड़े 36 संगठनों के 246 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक
संघ परिवार के तीन दिवसीय विचार-विमर्श की अध्यक्षता आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने की. इस बैठक में मौजूदा सामाजिक व राष्ट्रीय परिदृश्य, अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, शिक्षा, सामाजिक सद्भाव बनाए रखने और राष्ट्रसेवा जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई. ये बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र से पहले हुई.
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