Rajasthan Election 2023 Information: ट्रांसपोर्टेशन के लिए देशभर में चर्चित शाहपुरा विधानसभा सीट पर इन दिनों त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां कौन जीतेगा और कौन हारेगा, इसका फैसला 3 दिसंबर को ही होगा, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे इस सीट पर रोमांच बढ़ता जा रहा है. इस विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लोग भी अब नतीजों को लेकर काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं.
जयपुर देहात में आने वाली इस सीट पर कांग्रेस ने जहा दो बार से लगातार चुनाव हार रहे छत्रनेता मनीष यादव को चुनाव मैदान में उतारा है, तो भाजपा ने भी लंबे समय से छात्रों के लिए संघर्ष कर रहे युवा नेता उपेन यादव को टिकट दिया है. इन दोनों के बीच दिग्गज कांग्रेसी नेता कमला बेनीवाल के बेटे और मौजूदा निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल ने फिर से निर्दलीय ताल ठोककर मुकाबले को रोचक बना दिया है.
किसमें है कितना दम
1. उपेन यादव, बीजेपी
भाजपा उम्मीदवार उपेन यादव इस क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों से सक्रिय हैं. वह युवाओं के रोजगार को लेकर सड़क पर प्रदर्शन करते रहे हैं. जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर उनकी जबरदस्त लोकप्रियता है. एक्स (पहले ट्विटर) पर उनके करीब 9 लाख 71 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. लोगों की बीच इनकी लोकप्रियता को देखते हुए ही भाजपा ने उन्हें टिकट दिया है.
2. मनीष यादव, कांग्रेस
कांग्रेस उम्मीदवार मनीष यादव राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके चलते इनकी यूथ में काफी लोकप्रियता है. मनीष यादव ने 2013 का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप से इसी सीट से लड़ा था, जिसमें उन्हें करीब 25000 से ज्यादा वोट मिला था. 2018 में कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव में जीत नहीं मिली. हालांकि इनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है.
3. आलोक बेनीवाल, निर्दलीय
कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं कमला बेनीवाल के बेटे आलोक बेनीवाल 2018 में कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद वह उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और शाहपुरा से जीत दर्ज कर विधायक बने. जल जीवन मिशन घोटाले में भी आलोक बेनीवाल का नाम सामने आया है. इस मामले में उन्हें कानूनी परेशानियां भी उठानी पड़ रही है. इस चुनाव में भी वह कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन जल जीवन मिशन घोटाले में नाम आने के बाद कांग्रेस ने उनसे किनारा कर लिया और एक बार फिर से कांग्रेस ने मनीष यादव को टिकट दे दिया. ऐसे में नाराज आलोक बेनीवाल दूसरी बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.
शाहपुरा सीट से जुड़ी खास जानकारी
- ट्रांसपोर्टेशन के लिए मशहूर
- 10000 से ज्यादा ट्रक शाहपुरा में हैं
- जाटों की संख्या 50000
- यादवों की संख्या 45000
- गुर्जरों की संख्या 15000
- माली की संख्या 15000
- ब्राह्मण 16000
- एससी 30000
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