Rajasthan Election 2023 Information: कांग्रेस ने राजस्थान में जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी की तरफ से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई अन्य बड़े नेता यहां जनसभाएं कर रहे हैं. पर इन बड़े नेताओं में सबसे ज्यादा सुर्खियां प्रियंका गांधी ही बटोर रही हैं. चाहे विपक्षी दल बीजेपी की तरफ से उन पर पिकनिक मनाने जैसा व्यंग्य हो या खुद उनका भाषण हो, वह लगातार यहां की सियासी युद्ध में अपनी मौजूदगी जरूर दर्ज करा रही हैं.
प्रियंका गांधी की हर जनसभा लोगों का ध्यान खींच रही हैं. महिलाओं के बीच उनकी लोकप्रियता भी बढ़ती दिख रही है. वह जिस तरह बीजेपी पर हमला बोल रही हैं, वह कांग्रेस के पक्ष में जाता दिख रहा है. प्रियंका गांधी की राजनीतिक परफॉर्मेंस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी भी उनकी हर जनसभा और भाषण पर नजर रख रही है और तुरंत उसके जवाब में खंडन के लिए उतर रही है. आइए जानते हैं कैसे प्रियंका तैयार कर रही हैं राजस्थान में कांग्रेस की वापसी की पिच.
स्थानीय लोगों से अच्छे से जुड़ रहीं हैं प्रियंका
प्रियंका गांधी ने 25 अक्टूबर तक राजस्थान में दो महीने में अपनी तीन रैली को संबोधित कर चुकी हैं. 25 अक्टूबर को झुंझुनू में दिवंगत पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और प्रमुख जाट नेता सीस राम ओला की प्रतिमा के अनावरण पर भी उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. प्रियंका गांधी दर्शकों से अच्छे से जुड़ रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही हैं. हाल ही में अपने भाषण में प्रियंका ने बार-बार एक पुजारी की ओर से लगाए गए आरोप का जिक्र किया जिन्होंने कहा था कि, मोदी ने भीलवाड़ा में एक गुर्जर देवता के मंदिर में दान पेटी में सिर्फ 21 रुपये का दान दिया था. प्रियंका ने चुटकी लेते हुए कहा, “मोदी और उनकी पार्टी के लोग केवल खोखले वादे करते हैं क्योंकि मोदीजी का लिफाफा खाली है.”
स्थानीय मुद्दों के जरिये बीजेपी पर बोल रहीं हमला
प्रियंका ने राजस्थान में मोदी को चेहरे के तौर पर पेश करने की भाजपा की राजनीतिक रणनीति पर भी कई बार हमला बोला है. वह कहती हैं कि अगर बीजेपी जीतती है तो प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. उन्होंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के स्पष्ट संदर्भ में यह भी कहा कि भाजपा अंदरूनी कलह से त्रस्त है और दिग्गजों को दरकिनार करने में व्यस्त है. भाजपा के अंदर कई लोगों का मानना है कि जिस तरह प्रियंका बीजेपी को घेर रही हैं, वैसी स्थिति में राजे को प्रियंका का मुकाबला करना चाहिए.
शहीदों के परिवारों को जोड़ने की कोशिश
प्रियंका ने झुंझुनू में भी रैली की है. यहां भी उन्होंने अधिक से अधिक वोटरों को कांग्रेस के साथ जोड़ने की कोशिश की. यह वह क्षेत्र है जहां से कई युवा सशस्त्र बलों में शामिल हुए हैं और देश के लिए शहीद हो चुके हैं. प्रियंका ने यहां स्थानीय लोगों के साथ तालमेल बनाने के लिए कहा था कि वह भी शहीदों के परिवार से आती हैं. उन्होंने महिलाओं और युवाओं को भी यहां अपने भाषण से जोड़ने की कोशिश की.
पायलट और गहलोत की दूरी भी पाट रहीं
प्रियंका गांधी चुनावी जनसभाओं के साथ ही सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच की दूरी भी पाट रही हैं. रैलियों के स्थान के चयन से वह पायलट के फेवर में नजर आ रही हैं, तो भाषणों से वह गहलोत की भी तारीफ कर रही हैं. प्रियंका गांधी टोंक, दौसा जैसे इलाकों में रैली कर चुकी हैं. वहीं, इन जगहों पर भाषण में वह गहलोत सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं की सराहना करती हैं.
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