BSP in Rajasthan: राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है. पर इस बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने यहां 60 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है. वह इस राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी. बसपा यहां किंगमेकर के रूप में उभरने की उम्मीद कर रही है. 2018 के विधानसभा चुनावों में राजस्थान में छह सीटें जीतने वाली पार्टी 2023 में भी ऐसा ही करने की उम्मीद कर रही है.
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने 6 सीटों पर पर जीत दर्ज की थी. हालांकि बाद में ये सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इसे लेकर बाद में कांग्रेस और बीएसपी के बीच काफी जुबानी जंग भी हुई थी. इस बार बसपा ऐसे उम्मीदवारों की तलाश कर रही है जो पार्टी के साथ कर्तव्यनिष्ठ बने रहें.
10 सीटों के लिए घोषित किए उम्मीदवार
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसपी ने उन 60 सीटों का चयन भी कर लिया है जहां वह लड़ना चाहती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बसपा राजस्थान के अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा के मुताबिक, “हम राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे, हमने 60 निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की है जहां हमने पिछले पांच वर्षों में पार्टी को मजबूत करने का काम किया है और यहां हमारा वोट बैंक अच्छा है. हमारा उद्देश्य चुनाव के बाद शक्ति संतुलन बनाना है. पार्टी ने अब तक 10 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.”
पार्टी ने निकाली थी संकल्प यात्रा
पिछले दिनों मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश ने भरतपुर, धौलपुर, गंगापुर, करौली, दौसा, अलवर, सीकर, झुंझुनू, चूरू, हनुमाननगर, बीकानेर और जोधपुर को कवर करते हुए ‘संकल्प यात्रा’ निकाली थी. उन्होंने 15 दिन की इस यात्रा के दौरान 144 विधानसभा सीटों को कवर करते हुए 100 बैठकें कीं थीं. पार्टी सूत्रों की मानें तो बसपा का लक्ष्य राजस्थान में एससी, एसटी और ओबीसी मतदाताओं के बीच अपना आधार बढ़ाना है.
कुछ सीटों पर कायम है बसपा का दबदबा
पिछले दो दशकों से राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बाद बसपा तीसरी राजनीतिक ताकत बनी हुई है. पार्टी ने पहली बार 1998 में यहां दो विधानसभा सीटें जीती थीं. 2018 में बीएसपी ने यहां 6 सीटों पर जीत दर्ज की. 2013 में बहुजन समाज पार्टी को 3 सीटें मिलीं थीं. पूर्वी राजस्थान के अलवर, भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर और करौली क्षेत्र पार्टी के गढ़ माने जाते हैं.
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