Rahul Gandhi On Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदना अधिनियम) पर चर्चा की गई. चर्चा के बाद बिल लोकसभा से पास हो गया. इसके समर्थन में 454 सांसदों ने वोटिंग की, जबकि दो लोगों ने इसका विरोध किया. बिल पास होने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपने विचार रखे और महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में आकर बोलना अच्छा लग रहा है.
उन्होंने कहा, “यह एक शानदार इमारत है, लेकिन इसमें स्थांतरित होते वक्त राष्ट्रपति को देखना अच्छा होता. राष्ट्रपति एक महिला हैं, जो आदिवासी समुदाय से आती हैं. नए संसद भवन में आने के दौरान उन्हें देखना उचित होता.
‘सत्ता के हस्तांतरण अंग्रेजों में अंहकार’
उन्होने कहा, “कल मैं चर्चा सुन रहा था. उस वक्त कुछ लोग सेंगोल की बात कर रहे थे. इधर-उधर सेंगोल और अंग्रेजों से भारत के लोगों को सत्ता के हस्तांतरण के बारे में बातचीत हो रही थी. भारत की जनता को सत्ता सौंपने से पहले अंग्रेजों ने स्वतंत्रता आंदोलन के नेतृत्व करने वालों से पूछा कि हम किसे सत्ता हस्तांतरित करने जा रहे हैं. बेशक, उनमें अहंकार था, क्योंकि वे भारत को एक गरीब देश के रूप में देखते थे.
सभी को वोट देने का अधिकार
उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों को जो क्रांतिकारी जवाब दिया वह था कि हम भारत के लोगों को सत्ता हस्तांतरित करेंगे. इसलिए अपनी स्थापना के दिन से, हम एक ऐसा देश बन गए जिसने हर किसी को वोट देना का अधिकार दिया. यह क्रांतिकारी था.
सत्ता हस्तांतरित करने का तरीका है वोट
कांग्रेस नेता ने कहा , ” वोट सत्ता हस्तांतरित करने का एक सिस्टम था. अगर आप आजादी से लेकर अब तक की यात्रा को देखें, तो यह भारत के लोगों को सत्ता का निरंतर हस्तांतरण करता रहा है. दूसरी तरफ यह सत्ता को सत्ता से दूर करने का एक तरीका है. यह लड़ाई आज भी जारी है. महिलाओं को शक्ति देने में एक बड़ा कदम पंचायत राज था और यह एक और कदम है, एक बड़ा कदम, छोटा कदम नहीं.”
‘बिल में ओबीसी महिलाएं शामिल नहीं’
राहुल गांधी ने कहा कि यह बिल अधूरा है, क्योंकि इसमें ओबीसी महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है. इसमें दो चीजें हैं जो मुझे अजीब लगती हैं. पहली यह कि इसे लागू करने के लिए आपको एक नई जनगणना की आवश्यकता है. दूसरा यह है कि आपको एक नया परिसीमन कराना होगा. मेरे विचार से यह काफी सरल है.
‘आज ही लागू किया जा सकता है बिल’
उन्होंने दावा किया कि इस विधेयक को 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करके आज ही लागू किया जा सकता है. इसलिए मुझे हैरानी हो रही है कि क्या इसे 7, 8, 9 साल आगे बढ़ाने और फिर ऐसे ही चलने देने के लिए नहीं बनाया गया है.
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