Rahul Gandhi in Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से होते हुए सोमवार (19 फरवरी) को प्रतापगढ़ पहुंची. यहां पर कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. इस दौरान राहुल गांधी ने देश को चलाने वाले ब्यूरोक्रेटस की हालत को जनता को समझाने का प्रयास किया.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान के 73 फीसदी बब्बर शेर (ब्यूरोक्रेटस) जो देश को चलाते हैं और आगे ले जाते हैं, वो डर गए हैं, सो गए हैं. यही देश की सच्चाई है. उन्होंने कहा कि उनको इससे कोई मतलब नहीं है कि देश के 73 फीसदी लोग क्या चाहते हैं.
सरकारी एजेंसियों का बताया किस तरह छाया खौफ
राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आम जनता का ध्यान भटकाकर उनकी जेब से पैसा निकाला जा रहा है. इसको लेकर भीड़ में से एक शख्स को अपने साथ खड़ा करके राहुल गांधी ने एक उदाहरण भी पेश करने का प्रयास किया. कांग्रेस नेता ने इनकम टैक्स, ईडी, सीबीआई पुलिस का खौफ भी दिखाने की बात कही.
पीएम मोदी पर लगाए आरोप
जनसमूह को संबोधित करते हुए अग्निवीर के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वो जो तय करते हैं, वहीं होगा. देश के नौकरशाहों ने जो तय किया है, वो भी होकर रहेगा. इसको रोकने का दम आप लोगों में नहीं है.
हिंदुस्तान के 73% बब्बर शेर लोग आज सो रहे हैं, डर गए हैं. ये देश की सच्चाई है.
73% लोग कहते रहें कि ये चीज नहीं होनी चाहिए, लेकिन अगर अडानी और नरेंद्र मोदी ने तय कर लिया तो वो होगा.
उन्हें मतलब नहीं, देश के 73% लोग क्या चाहते हैं.
: @RahulGandhi जी pic.twitter.com/30VJASsdWA
— Congress (@INCIndia) February 19, 2024
मोदी सरकार में आम जनता का ध्यान भटकाकर उनकी जेब से पैसा निकाला जा रहा है।
जननायक @RahulGandhi जी ने सिर्फ 1 मिनट में समझाई ये बात- pic.twitter.com/l1STtG8I7n
— Congress (@INCIndia) February 19, 2024
दलित-आदिवासी, पिछड़े वर्ग के ब्यूरोक्रेट्स की बताई दशा
राहुल गांधी ने 90 ब्यूरोक्रेट्स का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि आर्मी और स्वास्थ्य में कितनी राशि जानी है, इसको तय करने का काम वहीं लोग करते हैं. किसान बिल को भी वो ही तय करते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 90 में से सिर्फ 3-3 ओबीसी व दलित और एक आदिवासी हैं, यानी इनकी कुल संख्या 7 है. इनके पास कोई बड़ा मंत्रालय/विभाग या कार्यालय नहीं है. इनको एक छोटे से कमरे में बिठाकर रखा जाता है. उनको वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) का डर दिखाया जाता है. यह एसीआर वही है, जिसके नाम पर इस वर्ग के ब्यूरोक्रेटस की रोज हत्या होती है.
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