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PM Narendra Modi Vladimir Putin Meeting In 2023 India Ambassador Pavan Kapoor In Moscow


PM Modi-Vladimir Putin: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस साल मुलाकात हो सकती है. पीएम मोदी और पुतिन के बीच वार्ता के लिए चर्चाएं चल रही हैं. रूस की राजधानी मॉस्को में भारत के राजदूत पवन कपूर ने पुतिन और पीएम मोदी की मुलाकात पर कहा है, ‘उच्च स्तरीय बातचीत चल रही है.’ पुतिन हाल ही में हुए जी-20 सम्मेलन में नहीं आए थे. माना जा रहा है कि ऐसे में अब वह पीएम मोदी से व्यक्तिगत मुलाकात कर सकते हैं.

रूस में भारतीय राजदूत पवन कपूर ने रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक से मुलाकात को लेकर बात की. उन्होंने बताया है कि मॉस्को और दिल्ली इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन आयोजित करने की संभावना पर उच्च स्तरीय बातचीत में लगे हुए हैं. गौरतलब है कि पश्चिमी मीडिया ने पिछले साल इस बात को हवा देना शुरू कर दिया था कि पीएम मोदी ने पुतिन से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था. 

रूस ने मुलाकात को लेकर दी थी सफाई

वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने स्पुतनिक से पश्चिमी मीडिया के दावे पर स्पष्टीकरण दिया था. उन्होंने कहा कि 2022 के आखिर तक दोनों नेताओं के बीच किसी भी बैठक की योजना नहीं थी. किसी ने भी मुलाकात करने से इनकार नहीं किया था, क्योंकि कोई भी निर्धारित बातचीत नहीं हुई थी. उन्होंने कहा था कि 2023 में होने वाली निर्धारित बैठकों के लिए दोनों देशों के बीच सहमति बनी है. रूसी विदेश मंत्रालय ने भी यही बात दोहराई थी. 

भारत का दोस्त रहा है रूस

पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अक्सर ही मुलाकात करते रहते हैं. पुतिन और पीएम मोदी के बीच आखिरी बार पिछले साल सितंबर में समरकंद में मुलाकात हुई थी. पिछले कुछ सालों में अमेरिका के साथ भारत की दोस्ती बढ़ी है, जिसकी वजह से इस बात की चर्चाएं होने लगी हैं कि भारत और रूस अब दूर जा रहे हैं. हालांकि, सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है. अंतरराष्ट्रीय मंचों के अलावा भी भारत और रूस एक-दूसरे से द्विपक्षीय मुलाकात करते रहते हैं. 

भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस से लगातार तेल आयात कर रहा है. भारत ने अप्रैल-जून 2023 अपनी तेल की जरूरतों का 35% से 40% रूस से आयात किया है. इसके अलावा दोनों देशों के बीच दवाओं, फर्टिलाइजर और हीरे-मोतियों का भी व्यापार हो रहा है. रूस भारत का पारंपरिक दोस्त रहा है. दोनों के रिश्ते दशकों पुराने हैं. ऐसे में भारत का रूस से दूरी बनाने का कोई औचित्य नहीं है. पुतिन और मोदी की मुलाकात के साथ ही एक बार फिर से गहरी दोस्ती का प्रमाण मिलेगा.

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