Jammu Kashmir Information: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता के बयान की निंदा की. उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अयोग्य उम्मीदवारों को अवैध तरीके से सरकारी नौकरियां दी गई.
उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा मुफ्ती बोलीं, ”अगर यह सच है तो प्रशासन को इसकी जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए. वे बातें ऊंची-ऊंची और काम कम करते हैं.”
मुख्य सचिव ने क्या कहा था?
पीडीपी अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव पर निशाना साधते हुए कहा, ”वे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को नौकरी तो दे नहीं सकते, लेकिन नौकरी से जरूर निकाल सकते हैं.” गुरुवार (5 अक्टूबर) को कुपवाड़ा में एक कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने कहा था, “मुझे ये कहते हुए शर्म आती है कि जम्मू-कश्मीर में अवैध तरीके से 2.50 लाख से अधिक अयोग्य उम्मीदवारों सरकारी नौकरियां दी गई. अब सरकारी नौकरियां केवल योग्य उम्मीदवारों को ही दी जा रही हैं.”
पीडीपी चीफ ने मुख्य सचिव पर निशाना साधा
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मुख्य सचिव से ऐसी नियुक्तियों के लिए जिम्मेदार अफसरों का नाम सार्वजनिक करने और जांच करने की मांग की. उन्होंने कहा, “अगर अवैध तरीके से किसी को नौकरी दी गई है तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. ईडी, सीबीआई और एनआईए सब उनके साथ है.”
पीडीपी अध्यक्ष ने मौजूदा प्रशासन के कार्यकाल के तहत हो रही भर्ती प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए. उन्होंने विशेषकर उप-निरीक्षकों, जूनियर इंजीनियरों और वित्त विभाग में कर्मियों जैसे पदों की बहाली पर सवाल उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि इन भर्तियों में कुछ ब्लैकलिस्टेड कंपनियां शामिल थीं.
वर्तमान में हो रही भर्तियों पर उठाए सवाल
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, “वर्तमान समय में जेई, वित्त विभाग और उप-निरीक्षकों के भर्ती के लिए ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को नियुक्त किया गया और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया.”
पीडीपी प्रमुख ने जल शक्ति विभाग के एक आईएएस अधिकारी अशोक परमार के आरोपों की ओर इशारा किया, जिन्होंने विभाग में 13,000 करोड़ रुपये के चौंकाने वाले घोटाले का दावा किया था. उन्होंने कहा, “मुख्य सचिव इन आरोपों का जवाब दें. यह सरकार ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबी है.”
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