Parliament Special Session: संसद का विशेष सत्र सोमवार (18 सितंबर) से शुरू हो रहा है. पांच दिवसीय सत्र के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पर संसद में चर्चा होने वाली है. इससे पहले 9 पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. इस लेटर में पीएम से विधेयक के उस प्रावधान को खत्म करने की बात कही गई है जिसमें कहा गया कि सीईसी और चुनाव आयुक्तों का दर्जा सुप्रीम कोर्ट के जजों के बराबर से घटाकर कैबिनेट सचिव के बराबर हो.
इन 9 पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों में एम लिंगदोह, टी एस कृष्णमूर्ति, एन गोपालस्वामी, एस वाई कुरैशी, वी एस संपत, एच एस ब्रह्मा, सैयद नसीम जैदी, ओ पी रावत और सुशील चंद्र के नाम शामिल हैं. प्रधानमंत्री को लिखे लेटर में पूर्व-सीईसी सुनील अरोड़ा ने साथ नहीं दिया है. सुनील अरोड़ा ने कहा कि इस तरह का कम्यूनिकेशन मौजूदा सीईसी या चुनाव आयुक्तों के अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
क्या कहता है विधेयक
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा विधेयक पारित होने के बाद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय कमेटी करेगी. इतना ही नहीं इसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक नामित कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे. इतना ही नहीं कैबिनेट मंत्री का नाम प्रधानमंत्री तय करेंगे. चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े विधेयक को लेकर सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार चुनाव आयोग की ताकत कम करना चाहती है. वहीं अब 9 पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने पीएम मोदी को लिखे लेटर में विधेयक के एक प्रावधान को खत्म करने के लिए कहा है. लेटर में सीईसी और चुनाव आयुक्तों के वेतन और सेवा शर्तों को कैबिनेट सचिव के समान करने को लेकर चिंताएं साझा की गई है.
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