Parliament Smoke Assault: संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले पर विपक्ष केंद्र सरकार और सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमलावर है. इस मामले को लेकर सदन आज गुरुवार (14 दिसंबर) को सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला. वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा को संसद से निष्कासित करने की मांग की है.
टीएमसी सांसद काकोली घोष और डोला सेना ने कहा कि हमारे सांसद को एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निष्कासित कर दिया लेकिन बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के लिए कोई एथिक्स कमेटी नहीं बनाई गई. आखिर उन्हें निष्कासित क्यों नहीं किया गया.
क्या कहा टीएमसी सांसदों ने?
काकोली घोष ने कहा, “ये बेहद ख़तरनाक था. ऐसा लगा कि ये आतंकी हमला था. ये स्मोक बायो केमिकल वॉर भी हो सकता था. बड़ी बात ये कि एक भी सिक्योरिटी पर्सन अंदर नहीं था. सिक्योरिटी 30-40 मिनट बाद आयी. आख़िर इस नई बिल्डिंग को खोलने की इतनी जल्दी क्या थी? आख़िर सांसद को निष्कासित क्यों नहीं किया गया. ये इंटेलिजेंस की नाकामी थी. दिल्ली पुलिस की नाकामी थी. अगर ये प्लास्टिक डेटोनेटर होता तो क्या होता?”
वहीं डोली सेन ने कहा, “पुरानी संसद बेहतर थी. आर्किटेक्चर बेहतर था. नई पार्लियामेंट बहुत नीची है. जम्प करना आसान है. दोनों में बहुत फर्क है. आख़िर नई संसद के लिए इतनी जल्दबाज़ी क्यों की गई. आख़िर एथिक्स कमेटी क्यों चुप है. प्रताप सिम्हा की मोदी की के साथ तस्वीर भी है. उन्हें निष्कासित क्यों नहीं किया जा रहा है. मोदी जी, अमित शाह को ज़िम्मेदारी लेनी पड़ेगी. गृह मंत्री को बयान देना पड़ेगा.”
उन्होंने आगे कहा, “2024 चुनाव से पहले ये सब जल्दी-जल्दी में किया गया. अगर संसद में यह हालत है तो आम आदमी का क्या होगा इस देश में. प्रताप सिन्हा को निलंबित किया जाए. ब्रीच ऑफ सिक्योरिटी हुआ है तो हमारा फर्ज है कि सवाल उठाएं. वेल में जाना हमारा अधिकार. वो सस्पेंड करें. हमारी आवाज बंद नहीं कर सकते. हमारे एक सांसद को ब्रीच ऑफ सिक्योरिटी में एक्सपेल किया तो इनके एमपी को एक्सपेल क्यों नहीं किया.”
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