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Parliament Monsoon Session BJP Leaders On No Confidence Motion Said Country Trust PM Modi, Government Is Ready For It


No Confidence Motion: मणिपुर के मुद्दे को लेकर जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस (Congress) ने बुधवार (26 जुलाई) को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. स्पीकर ने इसपर चर्चा के लिए मंजूरी भी दे दी है. कांग्रेस ने मांग है कि इस प्रस्ताव पर गुरुवार को ही चर्चा की जानी चाहिए. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सरकार ने कहा है कि जनता को पीएम मोदी (PM Modi) और बीजेपी (BJP) पर पूरा विश्वास है. 

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय करेंगे. कांग्रेस ने कहा है कि ये प्रस्ताव विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) की ओर से सामूहिक तौर पर लाया गया है. मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी से संसद के भीतर जवाब मांग रहे विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से कांग्रेस ने इस रणनीति के साथ यह कदम उठाया है कि प्रधानमंत्री मोदी को सदन में बोलने के लिए बाध्य किया जा सके. 

केंद्रीय मंत्री बोले- सरकार तैयार है

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी पर पूरा विश्वास है. विपक्ष ने पीएम मोदी के पिछले कार्यकाल में भी यही किया था और जनता ने उसे सबक सिखाया था. इस बार फिर देश की जनता इन लोगों को सबक सिखाएगी. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ये अविश्वास प्रस्ताव आने दीजिए, सरकार तैयार है.  

क्या बोले बीजेपी सांसद?

बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार है, लेकिन सबको पता है कि हमारी प्रचंड बहुमत वाली सरकार है. अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में सिर्फ मणिपुर पर नहीं बिहार, बंगाल और राजस्थान पर भी चर्चा होगी. हम हर विषय पर जवाब देने के लिए तैयार हैं. 

कांग्रेस ने की ये मांग

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि नियम के अनुसार जब अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए मंजूर कर लिया जाता है तो उसके 10 दिनों के भीतर सदन में चर्चा होती है, लेकिन लोकसभा की परंपरा रही है कि जब भी यह प्रस्ताव आता है तो बाकी सारे कार्यों को रोककर इस पर चर्चा होती है. हमारा आग्रह है कि लोकसभा अध्यक्ष को प्राथमिकता के आधार पर इसे लेना चाहिए और इस पर कल ही चर्चा आरंभ होनी चाहिए और जल्द से जल्द मतदान होना चाहिए. 

“सवाल संख्या का नहीं बल्कि नैतिकता का”

मनीष तिवारी ने आगे कहा कि पिछले 83-84 दिनों से मणिपुर में जो स्थिति बनी हुई है उस पर कानून-व्यवस्था चरमरा गई है, समुदाय के बीच विभाजन हो गया है. वहां सरकार नाम की चीज नहीं रह गई है. इन तथ्यों ने हमें अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर किया है. सवाल संख्या का नहीं बल्कि नैतिकता का है. बुनियादी सवाल यह है कि जवाबदारी किसकी है. सवाल राष्ट्र की सुरक्षा का है. 

(इनपुट पीटीआई से भी)

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