Asaduddin Owaisi On Delhi Ordinance Bill: दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को केंद्र सरकार ने मंगलवार (1 अगस्त) को लोकसभा में पेश किया. इसको लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ (AIMIM) असदुद्दीन ओवैसी ने अपना रुख साफ किया.
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल संविधान का उल्लंघन है. उन्होंने कहा, ” बिना पीएम मोदी के सदन चलने दिया, इसके लिए मैं हमारे विपक्षी नेताओं का शुक्रगुजार हूं. चेस और लूडो का खेल चल रहा है. उधर (सत्ता पक्ष) से चेस खेला जा रहा है और इधर (विपक्ष) से लूडो खेला जा रहा है.”
ओवेसी ने आगे कहा, ”मैं दिल्ली अध्यादेश से जुड़े बिल का इसलिए विरोध कर रहा हूं क्योंकि ये अनुच्छेद 123 का उल्लंघन है. एक सामान्य बिल से संविधान को संशोधित नहीं कर सकते हैं. ये थ्योरी ऑफ सेपरेशन ऑफ पावर का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट के 4 जुलाई 2018 के पांच जजों का फैसला है. इस सदन को शक्ति नहीं है. मैं इसलिए इसके खिलाफ हूं.”
असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्ष पर किया तंज
असदुद्दीन ओवैसी विपक्ष दलों पर तंज कसते हुए कहा कि जब बिना पीएम मोदी के सदन चलने दिया जा रहा तो मैं अनुरोध करूंगा कि इस बिल को पेश किया जाए या नहीं किया जाए इस पर भी वोट करवाया जाए.
केंद्र सरकार ने क्या दलील दी?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संविधान ने सदन को दिल्ली राज्य के संबंध में कोई भी कानून पारित करने की शक्ति दी है. दिल्ली राज्य को लेकर संसद कोई भी कानून ला सकती है. सारी आपत्ति राजनीतिक है.
आम आदमी पार्टी क्या बोली?
विधेयक को संसद में रखा गया अब तक का सबसे अलोकतांत्रिक और अवैध दस्तावेज करार देते हुए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि यह दिल्ली की चुनी हुई सरकार से सभी अधिकार छीनकर उन्हें उपराज्यपाल दे देगा.
चड्ढा ने कहा, ‘‘यह भारत के संघीय ढांचे, लोकतंत्र और संविधान पर हमला है. (विपक्षी गठबंधन) ‘इंडिया’ के सभी सदस्य इस विधेयक का विरोध करेंगे. ”
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