Manipur Violence: संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा को लेकर लगातार हंगामा जारी है. विपक्षी सांसद प्रधानमंत्री मोदी से जवाब मांग रहे हैं, वहीं फिलहाल मोदी सरकार के मंत्री संसद में विपक्ष के हमलों का जवाब दे रहे हैं. इसी बीच अब बताया जा रहा है कि विपक्ष ने अपनी रणनीति बदलने का फैसला किया है. जिसमें वो संसद में किसी भी तरह की नारेबाजी नहीं करेगा. मंत्रियों के बयानों के बीच विपक्षी सांसद कोई नारेबाजी नहीं करेंगे.
विपक्ष ने बनाई रणनीति
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि INDIA से जुड़े विपक्षी सांसदों ने तय किया है कि वो नितिन गडकरी और बाकी एनडीए सांसदों बाकी कई मुद्दों को लेकर बोलने देंगे, उनके भाषण के बीच में कोई भी नारेबाजी नहीं होगी. हालांकि विपक्ष मणिपुर मामले को लेकर सरकार को लगातार घेरता रहेगा और अपना हमला और तेज करेगा. संसद में मणिपुर के मुद्दे को उठाने की पूरी रणनीति तैयार की गई है.
पीएम मोदी पर दबाव बनाने की कोशिश
रिपोर्ट के मुताबिक विपक्ष का पूरा फोकस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद में मणिपुर को लेकर दबाव डालने का है. मणिपुर से सामने आए 4 मई के वीडियो और पूरी हिंसा को लेकर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांग रहा है. विपक्ष की तरफ से लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, जिसके पीछे सीधी रणनीति ये है कि पीएम मोदी को इस मुद्दे पर बोलने के लिए मजबूर किया जाए. वहीं राज्यसभा में भी सरकार से जवाब मांगने की रणनीति बनाई जा रही है.
काले कपड़े पहनकर पहुंचे सांसद
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के दलों के सभी सांसद मणिपुर मुद्दे पर सरकार के विरोध में काले कपड़े पहुंचकर संसद पहुंचे. कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार 26 जुलाई को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिस पर चर्चा के लिए सदन ने मंजूरी भी दे दी. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय करेंगे.
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