Opposition Meet In Patna: पटना में विपक्ष को एकजुट करने को लेकर नीतीश कुमार ने पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है, लेकिन ये राह इतनी आसान नहीं है. बैठक को लेकर भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता और तेलंगाना सरकार में मंत्री केटीआर ने बड़ा बयान दिया है. केटीआर ने साफ शब्दों में कह दिया है कि बीआरएस को कांग्रेस का साथ मंजूर नहीं है.
केटीआर ने बिहार के मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि नीतीश कुमार अच्छे नेता हैं, जिस बैठक में कांग्रेस है, उसे हम स्वीकार नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा, कांग्रेस ने देश में 50 साल तक राज किया और देश की जो हालत है, उसके लिए वो भी जिम्मेदार है. कांग्रेस और बीजेपी के साथ हम किसी तरह से नहीं जा सकते हैं.
कांग्रेस के बिना तीसरा मोर्चा मंजूर- केटीआर
बीआरएस नेता ने हालांकि, तीसरे मोर्चे की संभावना से इनकार नहीं किया है, लेकिन इसके लिए एक शर्त रखी है. उन्होंने कहा, कांग्रेस के बिना कोई तीसरा मोर्चा बनता है तो हम उसमें हिस्सा लेंगे, लेकिन कांग्रेस का साथ हमें स्वीकार नहीं है.
एकजुटता की राह में रोड़े
नीतीश कुमार इस बैठक के बहाने विपक्षी दलों को एकसाथ लाने की मुहिम पर लगे हैं लेकिन ये आसान नहीं है. सवाल है कि क्या विपक्षी दलों अपने आपसी मतभेदों को भुला पाएंगे. बैठक से पहले ही केंद्र के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस और आप एक दूसरे के खिलाफ बयानों के तीर चला रहे हैं. आप ने कांग्रेस पर अध्यादेश को लेकर बीजेपी के साथ समझौते का आरोप लगाया है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि विपक्ष की बैठक सौदेबाजी के लिए नहीं है.
बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी एक दूसरे पर हमलावर हैं और पंचायत चुनाव में नामांकन को लेकर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं. टीएमसी और सीपीएम भी एक दूसरे पर हमलावर हैं. पंजाब में भी आप और कांग्रेस आमने-सामने हैं, तो केरल में लेफ्ट बनाम कांग्रेस है.
नीतीश को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
इस बीच पटना में बैठक को लेकर बड़ी जानकारी भी सामने आई है. विश्वस्त सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया है कि 2024 में विपक्षी पार्टियों को एकसाथ लेकर चलने की जिम्मेदारी नीतीश कुमार को सौंपने पर सहमति बनी है. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार को विपक्षी एकता का संयोजक बनाया जाएगा.
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