spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeIndiaNo Confidence Motion How Many Times It Came From Jawahar Lal Nehru...

No Confidence Motion How Many Times It Came From Jawahar Lal Nehru Indira Gandhi Atal Bihari Vajpayee Morarji Desai Lal Bahadur Shastri To PM Narendra Modi


No Confidence Motion Information: नो कोंफिडेंस मॉशन यानी अविश्वास प्रस्ताव, इस शब्द की इन दिनों बहुत चर्चा है. कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है. यह 27वीं बार है जब केंद्र की सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है और प्रधानमंत्री मोदी सरकार के लिए यह दूसरा मौका है. पिछले कार्यकाल में तेलुगु देशम पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, जिसके खिलाफ 330 वोट पड़े थे. इस बार भी नंबर के लिहाज से सरकार मजबूत स्थिति में है. 

आजादी के बाद 27 बार अविश्वास लाया गया, लेकिन एक भी बार सरकार गिरी नहीं सिवाय मोरारजी देसाई सरकार के. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही इस्तीफा दे दिया था. पहली बार जवाहर लाल नेहरू की सरकार के खिलाफ नो कोंफिडेंस मॉशन लाया गया था.  23 बार कांग्रेस पार्टी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया. हालांकि, 10 साल प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने एक भी बार इसका सामना नहीं किया. 2 बार जनता पार्टी जबकि 2 बार बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया.

किस पीएम के खिलाफ कितनी बार
इंदिरा गांधी- 15 बार
पी वी नरसिम्हा राव- 3 बार
लाल बहादुर शास्त्री- 3 बार
मोरारजी देसाई- 2 बार
जवाहरलाल नेहरू-  1 बार
राजीव गांधी-  1 बार
अटल बिहारी वाजपेयी-  1 बार
नरेंद्र मोदी (2018 में)-  1 बार
कुल- 27 बार

1963 में जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ आया पहला प्रस्ताव
आजादी के बाद देश में पहला अविश्वास प्रस्ताव तीसरी लोकसभा संसद में पेश किया गया. उस समय जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे और 1962 के युद्ध में चीन से हार के बाद आचार्य जेबी कृपलानी उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए थे. हालांकि, 347 सांसदों के विरोध के बाद प्रस्ताव फेल हो गया और सिर्फ 62 सांसदों ने इसका समर्थन किया था.

लाल बहादुर शास्त्री की सरकार के खिलाफ 3 बार
लाल बहादुर शास्त्री के खिलाफ तीन बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. पहली बार 1964 में एनसी चटर्जी अविश्वास प्रस्ताव लाए और 307 सांसदों ने इसके विरोध में वोट किया. सिर्फ 50 सांसदों का ही समर्थन मिला, जिसकी वजह से प्रस्ताव खारिज हो गया. 1965 में लाल बहादुर शास्त्री के खिलाफ एसएन द्विवेदी अविश्वास प्रस्ताव लाए थे, जिसे 44 सासंदों का समर्थन मिला. 315 ने इसके खिलाफ वोटिंग की. इसी साल उनकी सरकार के खिलाफ एक और अविश्वास लाया गया, लेकिन 318 सांसदों ने उसके खिलाफ वोटिंग करके इसे गिरा दिया. स्वतंत्र पार्टी के एमआर मसानी यह अविश्वास प्रस्ताव लाए थे.

इंदिरा गांधी ने 15 बार किया सामना
इंदिरा गांधी के कार्यकाल में उनके खिलाफ 15 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. हालांकि, एक भी बार उनकी सरकार नहीं गिरी. 1966 में दो बार, 1967 में दो बार, 1968 में दो बार, 1969 में एक बार, 1970 में एक बार, 1973 में एक बार, 1974 में दो बार और 1975 में 1 बार, 1981 और 1982 में भी 1-1 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. 1981 में इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ जॉर्ज फर्नांडीस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए, लेकिन उन्हें 278 सांसदों का समर्थन मिला और प्रस्ताव खारिज हो गया. प्रस्ताव के पक्ष में सिर्फ 92 वोट डले थे. 

जब गिर गई थी मोरारजी देसाई की सरकार
साल 1978 में मोरारजी देसाई की सरकार के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष सीएम स्टीफन अविश्वास प्रस्ताव लाए थे, लेकिन यह भी ध्वनिमत से खारिज हो गया. एक साल बाद 1979 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. इस बार प्रस्ताव लाने वाले वीईबी चव्हाण थे, लेकिन देसाई की सरकार गिर गई. उन्होंने प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही इस्तीफा दे दिया और राजनीति से भी संन्यास ले लिया.

राजीव गांधी और अटल के खिलाफ 1-1 बार लाया गया अविश्वास प्रस्ताव
साल 1992 और 1993 में नरसिम्हा राव की सरकार के खिलाफ तीन बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. 1987 में राजीव गांधी की सरकार को भी अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके खिलाफ वोट करने वालों की संख्या ज्यादा थी इसलिए यह खारिज हो गया. साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के खिलाफ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी अविश्वास प्रस्ताव लाई थीं. इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 10 साल के कार्यकाल में एक भी अविश्वास प्रस्ताव नहीं आया. 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था.

यह भी पढ़ें:
No Confidence Motion: : अडानी पर चुप, चीन-मणिपुर पर भी मौन, पीएम मोदी को अपनी भूल नहीं कबूल, पढ़ें गौरव गोगोई के भाषण की अहम बातें

RELATED ARTICLES

Most Popular