No Confidence Motion Debate: लोकसभा में मंगलवार (8 अगस्त) को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई. विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रस्ताव पेश करते हुए इसकी शुरुआत की. गौरव गोगोई ने कहा ये अविश्वास प्रस्ताव संख्या के बारे में नहीं है, बल्कि मणिपुर के इंसाफ के बारे में है.
गौरव गोगोई ने कहा, हम केवल चाहते थे कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और मणिपुर के मुद्दे पर बोलें और कहें कि ये सदन मणिपुर के लोगों के साथ है और शांति चाहता है. गौरव गोगोई पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा, प्रधानमंत्री ने मौन व्रत धारण कर लिया कि न लोकसभा में बोलेंगे न राज्यसभा में बोलेंगे. इसलिए आज ये नौबत आई है कि हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं, ताकि प्रधानमंत्री मोदी का मौन व्रत तोड़ सकें.
मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियो पर हमला बोला और कहा, हम पूंजीपतियों का नहीं, किसान, मैकेनिक और फैक्ट्री मजदूरों का विकास चाहते हैं. उन्होंने हाल ही में लल्लनटॉप के आजादपुर मंडी में एक सब्जी विक्रेता से किए गए इंटरव्यू का भी जिक्र किया. इस वीडियो को राहुल गांधी ने भी शेयर किया था.
टमाटर, पेट्रोल और घरेलू गैस की कीमतों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, आपने गरीबों के साथ विश्वासघात किया है. आप तेजी से बढ़ती इकोनॉमी की बात करते हैं, ये बात आजादपुर मंडी के उस आदमी के सामने रखिए, जिसके आंसू पूरे देश ने देखे हैं.
डबल इंजन की सरकार मणिपुर में फेल- गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार मणिपुर में विफल हो गई है. इसीलिए, मणिपुर में 150 लोगों की मौत हुई. लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 FIR दर्ज की गई हैं. राज्य के CM, जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं, जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है.’
गौरव गोगोई ने अटल बिहारी वाजपेयी के राजधर्म वाले बयान का जिक्र किया और कहा कि राजा के लिए प्रजा में भेद नहीं हो सकता है. न जन्म के आधार पर, न जाति के आधार पर, न समुदाय के आधार पर. गोगोई ने मणिपुर में हिंसा का जिक्र करते हुए बताया कि हम ऐसे परिवार से मिलकर आए हैं, जिसमें एक 80 साल की महिला स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी थी, उसे घर में बंद करके जिंदा जला दिया गया. जिन दो महिलाओं की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक बात गई है, उनमें से एक महिला का पति कारगिल में देश की सेवा कर रहा था. कितनी महिलाएं अपने ऊपर हुए अत्याचार की बात भी नहीं रख पा रही हैं.
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