Neville Roy Singham: अमेरिका के बड़े अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने चीन से जुड़ी कंपनियों की फंडिंग को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अमेरिका के करोड़पति नेविल रॉय सिंघम का नाम भी सामने आया था. इसमें बताया गया था कि भारत में मौजूद न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़क्लिक को भी फंडिंग मिली थी. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कई तरह के आरोप लगाए हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सामने आकर इसे लेकर बयान दिया और कहा कि न्यूज़ पोर्टल न्यूज़क्लिक और चीन भारत विरोधी अभियान से जुड़े हुए हैं. अब इस पूरे विवाद में जिस नेविल रॉय सिंघम का नाम सामने आ रहा है, वो आखिर कौन है आइए जानते हैं…
दरअसल न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि न्यूज़क्लिक एक वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा था, जिसे कथित तौर पर भारत में चीनी प्रचार फैलाने के लिए नेविल रॉय सिंघम से फंडिंग मिली थी. जिसके बाद पोर्टल में चीनी सरकार की खबरों को अलग तरह से पेश किया गया.
कौन है नेविल रॉय सिंघम?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नेविल रॉय सिंघम वामपंथी अकादमिक आर्चीबाल्ड सिंघम के बेटे हैं. सिंघम के पिता का जन्म बर्मा में हुआ था और उन्होंने न्यूयॉर्क के सिटी यूनिवर्सिटी के ब्रुकलिन कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर के तौर पर काम किया. जिसके बाद 1991 में उनका निधन हो गया.
नेविल सिंघम शिकागो स्थित सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी थॉटवर्क्स के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष हैं. उन्होंने 1993 से 2017 तक लगभग 24 सालों तक कंपनी में काम किया, इसके बाद उन्होंने इसे बेच दिया. नेविल ने अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया है. इसके अलावा उन्होंने मिशिगन यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की है. नेविल ने 2016 में पूर्व डेमोक्रेटिक राजनीतिक सलाहकार और कोड पिंक के को-फाउंडर जोडी इवांस से शादी की थी. NYT ने आरोप लगाया कि कोडपिंक, जो कभी चीन का कट्टर आलोचक था, अब उसके रुख में अचानक बदलाव देखने को मिला है. इसे सिंघम के फंडिंग नेटवर्क से जोडकर देखा जा रहा है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के शंघाई में टाइम्स स्क्वायर की 18वीं मंजिल पर इसका एक दफ्तर है. जहां से कथित तौर पर चीन के साथ मिलकर तमाम देशों में नेटवर्क फैलाने का काम होता है. 69 साल के करोड़पति सिंघम को कम्युनिस्ट विचारधारा के समर्थक के तौर पर बताया गया है.
ईडी की चल रही जांच
न्यूज़क्लिक को लेकर NYT की रिपोर्ट सामने आने से पहले ही भारत में जांच एजेंसी ईडी ने उसके दफ्तरों पर छापेमारी की थी, जिसमें करोड़ों की विदेशी फंडिंग की बात सामने आई थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ‘न्यूजक्लिक’ पोर्टल संचालित करने वाली कंपनी में जालसाजी के जरिए 86 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी राशि की मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही है. इस मामले में जल्द ही चार्जशीट दाखिल किए जाने की उम्मीद है.
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