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Neelkanth Ganjoo Case Jammu Kashmir SIA Reinvestigates 33 Years Old Case Appeals Public To Share Information


Neelkanth Ganjoo Case Information: जम्मू-कश्मीर के रिटायर जज नीलकंठ गंजू हत्या के मामले की फाइल दोबारा खोली गई है. जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) 33 साल पुराने मामले की फिर से जांच करने के लिए लोगों से जानकारी इकट्ठा कर रही है. एसआईए ने लोगों से अपील की कि जिनके पास भी घटना और उस वक्त की परिस्थितियों से जुड़ी जानकारी है वह आगे आएं और जानकारी साझा करें. 

नीलकंठ गंजू की श्रीनगर में आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह सत्र और जिला अदालत में जज थे. नीलकंठ गंजू ने एक मामले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के फाउंडर और नेता मकबूल भटट् को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया था.

मकबूल भट्ट को सुनाई थी फांसी की सजा
साल 1966 में पुलिस इंस्पेक्टर अमर चंद की हत्या की गई थी. इसी मामले में 1968 में मकबूल भट्ट को दोषी ठहराते हुए उस वक्त सत्र और जिला अदालत के जज नीलकंठ गंजू ने फांसी की सजा सुनाई. 4 नवंबर, 1989 को श्रीनगर में आतंकियों ने नीलकंठ गंजू की गोली मारकार हत्या कर दी थी. उस समय वह रिटायर हो चुके थे. साल 1982 में सुप्रीम कोर्ट ने सत्र अदालत के 1968 के फैसले को सही ठहराते हुए मकबूल भट्ट की फांसी सजा बरकरार रखी. इसके बाद 1984 में उसे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई. 

SIA ने कहा, गुप्त रखी जाएगी जानकारी देने वालों की पहचान
एसआईए ने नीलकंठ गंजू की हत्या के मामले की फिर से जांच शुरू करते हुए लोगों से अपील की कि जिनके भी पास इससे जुड़ी कोई जानकारी है, वो आगे आकर जानकारी साझा करें. एसआईए ने यह भी आदेश दिया कि इन लोगों की पहचान गुप्त रखी जाए. एसआईए की तरफ से एक फोन नंबर और ईमेल आईडी जारी की गई है, जिसके जरिए घटना से जुड़ी जानकारी लोग साझा कर सकते हैं.

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