Omar Abdullah Vs Ghulam Nabi Azad: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान से सियासत गरमा गयी है. पूर्व कांग्रेस नेता ने सोमवार (19 फरवरी) को दावा किया कि सूबे के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में जानकारी पहले से दे दी गई थी. इस बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने गुलाम नबी पर पलटवार किया है.
उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आर्टिकल 370 को निरस्त करने के दौरान उनको और उनके पिता (फारूक अब्दुल्ला) को 8 माह तक हिरासत में रखा गया था, लेकिन गुलाम नबी आजाद अकेले ऐसे जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे, जोकि पूरी तरह से आजाद रहे.
गुलाम नबी आजाद ने उस वक्त की अफवाहों का भी किया जिक्र
दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान दावा करते हुए उस समय की अफवाहों का भी जिक्र किया. इसमें कहा गया था कि अब्दुल्ला (पिता-पुत्र) ने 2019 में खुद को घर में इसलिए नजरबंद रखने को कहा ताकि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के मामले पर उनको सार्वजनिक तौर पर सामने ना आना पड़े.
उमर अब्दुल्ला ने डीएपीए चीफ के आरोपों के जवाब में कहा कि यह तो वक्त बताएगा कि कौन आजाद और कौन गुलाम. इसका फैसला जम्मू-कश्मीर की जनता करेगी.
‘5 अगस्त के बाद सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री आजाद थे’
पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर कर गुलाम नबी आजाद के सभी दावों का खंडन करते हुए लिखा, “वाह भाई, वाह गुलाम नबी आजाद, आज इतना गुस्सा है. वह गुलाम कहां हैं जो हाल ही में 2015 में जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा सीटों के लिए हमसे भीख मांग रहे थे?’ अब्दुल्ला को 370 के बारे में पता था ‘फिर भी हमें पीएसए के तहत 8 महीने से ज्यादा वक्त तक हिरासत में रखा गया और 5 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर में सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री आजाद थे.’
‘सूबे के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को दिया था नजरबंद’
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले और बाद में (5 अगस्त 2019 को) जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत उन्हें, उनके पिता और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती समेत सूबे के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में लिया गया था और नजरबंद कर दिया गया था.
अब्दुल्ला का आरोप- मंत्री बंगले में बने रहे थे आजाद
गुलाम नबी के उस आरोप का भी अब्दुल्ला ने जवाब दिया जिसमें दावा किया गया कि वह और उनके पिता दोनों ने सीक्रेट तरीके से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात की थी. इस पर उमर ने कहा कि उनके पिता को उनके सरकारी बंगले से ‘बाहर निकाल दिया गया’ था जब वो सांसद नहीं रहे, लेकिन आज़ाद अपने मंत्री बंगला में बने रहे थे. उन्होंने गुलाम नबी आजाद पर पद्म पुरस्कार प्राप्त करने को लेकर निशाना साधा.
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