PM Modi Nallur Kandaswamy Temple In Sri Lanka: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर के देशों की अपनी यात्रा के दौरान मंदिरों का दौरा करते हैं. राजकीय सम्मान के साथ उन्हें पारंपरिक वेशभूषा में हर एक मंदिर और पूजा स्थल में रीति रिवाज के साथ पूजा पाठ करते देखा जाता रहा है. हालांकि 2015 का एक वाक्या ऐसा भी है जब उन्हें श्रीलंका के प्रसिद्ध नल्लूर कंडास्वामी मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था.
इसकी वजह भी दिलचस्प थी. इस मंदिर में प्रवेश करने वाले भक्तों के लिए ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य है और पीएम मोदी की सुरक्षा के लिहाज से ड्रेस कोड का मैच नहीं हो रहा था, जिसकी वजह से उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से कुछ देर के लिए परहेज करना पड़ा.
भारत के महावाणिज्य दूत रहे ए नटराजन ने बताया संस्मरण
यह खुलासा किया है भारत के महावाणिज्य दूत रहे ए नटराजन ने. 2015 से 2018 के दौरान श्रीलंका के जाफना में भारत के महावाणिज्य दूत रहे नटराजन ने. संस्मरण “फ्रॉम द विलेज टू द ग्लोबल स्टेज” में इस बात का जिक्र करते हुए वह बताते हैं कि 2015 में पीएम मोदी के जाफना दौरे के दौरान एक बार ऐसी स्थिति बन गई थी जब पीएम मोदी को यहां के प्रसिद्ध नल्लूर कंडास्वामी मंदिर में ड्रेस कोड की वजह से एंट्री से परहेज करना पड़ा था.
वह याद करते हुए बताते हैं कि श्रीलंका कि इस मंदिर को नल्लूर देवस्थानम या मुरूगन मंदिर सहित कई नामों से भी जाना जाता है. पीएम की यात्रा के दौरान जब श्रीलंका के राजनयिकों ने पीएम मोदी को इस प्रसिद्ध मंदिर में ले जाने की योजना बनाई तो सुरक्षा के लिहाज ले मंदिर के कार्यकारी अधिकारी, कुमारदास मप्पना मुदलियार के साथ बैठक हुई.
इस दौरान, कुमारदास मप्पना मुदलियार ने उन्हें बताया कि “समानता की क्रांतिकारी प्रथा को बनाए रखा गया है और इसे मंदिर के अधिकारियों द्वारा आज तक चलाया जा रहा है. इसलिए, मंदिर के प्रवेश समय में किसी भी लचीलेपन का कोई सवाल ही नहीं है, और भक्त केवल नंगे सीने के साथ मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं.
मंदिर के प्रमुख ने की पीएम मोदी की अगवानी
मंदिर में पुरुष श्रद्धालुओं के प्रवेश के नियमों के मुताबिक मंदिर में प्रवेश करने वाले लोगों का सीना खुला रखना चाहिए जो पीएम मोदी की सुरक्षा के लिहाज से चिंता का कारण था. अंततः, पीएम मोदी इस मंदिर में गए जिसके प्रमुख नागुलेश्वर कुरुक्कल ने पीएम मोदी की अगवानी की थी. उनका निधन इसी वर्ष जुलाई में 98 वर्ष की आयु में हो गया. इस मंदिर को नागुलेश्वरम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. नटराजन का मानना है कि पीएम मोदी की जाफना यात्रा उल्लेखनीय थी क्योंकि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी.
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