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Mumbai attack NIA court rejects Tahawwur Hussain Rana petition seeking family talks ann


देश के सबसे भयावह आतंकी हमले 26/11 मुंबई हमलों की साजिश में शामिल रहे तहव्वुर हुसैन राणा को दिल्ली की स्पेशल NIA कोर्ट से बड़ा झटका लगा. कोर्ट ने गुरुवार (24 अप्रैल, 2025) को उस याचिका को सख्ती से खारिज कर दिया, जिसमें वह अपने परिवार से बात करने की अनुमति मांग रहा था. स्पेशल एनआईए जज चंदर जीत सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि अनुमति नहीं दी जा सकती. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राणा से पूछताछ अपने निर्णायक मोड़ पर है.

NIA ने जताई गंभीर आशंका
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कोर्ट में दलील दी कि राणा जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड हेडली का बेहद करीबी सहयोगी है. अगर अपने परिवार से बात करता है तो वह जांच को भटकाने या गोपनीय जानकारी लीक करने की कोशिश कर सकता है. NIA ने कहा राणा के संपर्क में आते ही संभावित सुराग नष्ट किए जा सकते हैं. अभी जांच अपने बेहद संवेदनशील चरण में है.

साजिश में अहम भूमिका- NIA 
64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. कोर्ट ने 10 अप्रैल को उसे 18 दिन की NIA हिरासत में भेजा था. NIA का कहना है कि राणा ने डेविड हेडली के साथ मिलकर मुंबई हमलों की साजिश रची थी. हेडली ने भारत आने से पहले राणा को पूरी योजना विस्तार से समझाई थी. इतना ही नहीं, उसने एक ईमेल के जरिए राणा को अपने सामान और संपत्ति की सूची भी भेजी थी, जो यह साबित करता है कि वह संभावित गिरफ्तारी के लिए पहले से तैयार था.

पाकिस्तानी आतंकियों से था सीधा संपर्क
NIA के अनुसार हेडली ने राणा को इस साजिश में शामिल पाकिस्तानी आतंकियों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान  के बारे में भी जानकारी दी थी.

भारत की न्याय व्यवस्था का स्पष्ट संदेश
राणा की याचिका खारिज कर कोर्ट ने साफ कर दिया है कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. आतंक से जुड़े मामलों में अदालतें पूरी सख्ती से पेश आएंगी, चाहे आरोपी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई भी रसूख क्यों न हो.

26/11 हमला कभी न भूलने वाला जख्म
26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में समुंदर के रास्ते घुसकर सुनियोजित हमला किया था. ताज होटल, ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस जैसे स्थानों पर हुए हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैंकड़ों घायल हुए थे. यह हमला भारत ही नहीं, पूरे विश्व के लिए आतंक की एक भयावह तस्वीर बन गया था. तहव्वर राणा पर अब उसी साजिश की कड़ियों को जोड़ने की जिम्मेदारी है और अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि इसमें कोई ढील नहीं दी जाएगी.

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