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MK Stalin Welcomes Thackeray Cousins Reunion opposes Hindi Imposition three-language policy Maharashtra tamil nadu Uddhav Thackeray raj Thackeray | महाराष्ट्र में एक साथ आए राज और उद्धव ठाकरे तो खुश हुए MK स्टालिन, तमिलनाडु CM बोले


MK Stalin on Language Policy: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तीन-भाषा नीति के खिलाफ महाराष्ट्र में हुई एकता का स्वागत किया है. स्टालिन पहले से ही इस नीति को हिंदी थोपने की कोशिश बताते रहे हैं. अब महाराष्ट्र के दो बड़े नेता उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे भी इस मुद्दे पर उनके साथ आ गए हैं.

शनिवार को मुंबई में ‘वॉयस ऑफ मराठी’ नाम से एक रैली हुई, जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा तीन-भाषा नीति को वापस लेने का स्वागत किया गया. इस रैली में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे सालों बाद एक मंच पर आए और एक-दूसरे को गले लगाया. उन्होंने कहा कि अब उनके बीच की दूरियां खत्म हो गई हैं. दोनों नेता पहले से ही इस नीति के खिलाफ थे. उनका मानना है कि मराठी भाषा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए और हिंदी किसी पर थोपी नहीं जानी चाहिए.

स्टालिन ने कहा- ‘अच्छी शुरुआत’

स्टालिन ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से नेता क्षेत्रीय भाषाओं की रक्षा के लिए साथ आ रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस एकता से केंद्र सरकार को यह संदेश जाएगा कि भारत की भाषाई विविधता का सम्मान किया जाना चाहिए.

इस नीति के तहत छात्रों को तीन भाषाएं सीखनी होंगी, जिनमें एक हिंदी भी हो सकती है, लेकिन तमिलनाडु में अब तक सिर्फ दो भाषाएं (तमिल और अंग्रेजी) पढ़ाई जाती हैं. स्टालिन का कहना है कि तमिलनाडु के लोग पहले भी हिंदी थोपने का विरोध कर चुके हैं और अब भी करेंगे. उन्होंने कहा कि तमिल उनकी मातृभाषा है और वह किसी भी हालत में इसे पीछे नहीं जाने देंगे.

एम.के. स्टालिन ने कही ये बड़ी बात

शनिवार को रैली के बाद एक्स (X) पर एक पोस्ट में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि अब भाषा अधिकारों की लड़ाई राज्य की सीमाओं को पार कर चुकी है और महाराष्ट्र तक पहुंच गई है.

स्टालिन ने तमिल में लिखा, “तमिलनाडु की जनता और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने पीढ़ी दर पीढ़ी हिंदी थोपने के खिलाफ जो संघर्ष किया है, वह अब राज्य की सीमाओं से बाहर निकल चुका है और महाराष्ट्र में विरोध की लहर की तरह फैल रहा है.”

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