Maratha Reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन तेज हो गया है. आंदोलनकारियों ने सोमवार (30 अक्टूबर) को माजलगाव से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर आग लगा दी. साथ ही प्रदर्शन कर रहे लोगों के एक ग्रुप ने नगरपालिका परिषद भवन की पहली मंजिल को भी आग के हवाले कर दिया. इसके अलावा गंगापुर में बीजेपी विधायक प्रशांत बांब के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई. पूरे मामले को लेकर सरकार और विपक्ष में बयानबाजी शुरू हो गई है. बड़ी बातें-
1. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक. मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के जालना अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने स्वास्थ्य जांच करवाने से इनकार कर दिया है. जालना के कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. प्रताप घोडके ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि लंबे समय तक भोजन न करने से उनके आवश्यक अंगों और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है.
2. महाराष्ट्र के परभणी के पोखरनी में एक मराठा युवक ने की इस बीच कथित तौर पर कुंए में कूदकर आत्महत्या कर ली है. बताया जा रहा है कि 35 वर्षीय युवक नागेश बुकाले में शिवारा में खुदकुशी की है.
3. पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने एकनाथ शिंदे सरकार पर पूरे मामले को लेकर हमला किया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री दवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए. महाराष्ट्र संकट में है. बीजेपी की गठबंधन सरकार से महाराष्ट्र संभल नहीं रहा है. महाराष्ट्र सरकार को ऑल पार्टी मीटिंग बुलानी चाहिए. राज्य में विधायक भी सुरक्षित नहीं है. इनके आवास को भी प्रदर्शनकारियों जला दे रहे हैं.
4. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने कहा कि जारंगे पाटिल की हालत गंभीर होती जा रही है. ऐसे में राज्यपाल रमेश बैस को मामले को संज्ञान में लेकर महाराष्ट्र की स्थिति से केंद्र सरकार को अवगत कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि 1 करोड़ 72 लाख लोगों के दस्तावेज देखने के बाद केवल 11 हजार 530 लोगों को प्रमाणपत्र मिलता है. इससे मराठा समुदाय की समस्या का समाधान नहीं होता है. दुर्भाग्यपूर्ण से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज कुछ राजनीतिक बयान दिए. शिंदे को बिना राजनीतिक बयानबाजी किये वर्तमान स्थिति का समाधान करना चाहिए. मेरी मांग है कि आरक्षण मुद्दे पर तत्काल विधानमंडल का सत्र बुलाएं.
5. कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी से बने महाविकास अघाडी (MVA) के प्रतिनिधिमंधल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. इस दौरान एमवीए ने मराठा आरक्षण को लेकर हो रहे आंदोलन पर कोई ज़रूरी सुझाव निकालने की मांग की. इस मुलाकात में कांग्रेस के नेता नाना पटोले, अशोक चव्हाण और अभिजीत वंजारी सहित कई नेता मौजूद थे.
6. महाविकास अघाडी के प्रतिनिधिमंधल राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर कई मांग की. इसमें सबसे महत्वपूर्ण विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाना, राज्यपाल रमेश बैस को राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्म और प्रधानमंत्री नरेंद्र बात करने की अपील करना है. मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत काफी खराब है. ऐसे में जल्द से मामला सुलझाएं जाए. सरकार विशेष सत्र बुलाने से पहले आरक्षण कानून का मसौदा प्रकाशित करें.
7. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए शिंदे के नेतृत्व में बनी कमेटी ने पहली ही रिपोर्ट हमें सौंप दी है, कल हम इसे कैबिनेट में पेश करेंगे. अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए 2 महीने का विस्तार दिया गया है. सौंपी गई पहली रिपोर्ट में एक लाख से अधिक मराठों की पहचान वैध सबूतों के साथ की गई है. इन्हें आरक्षण देने पर विचार किया जा सकता है. हम कल मनोज जारांगे पाटिल के प्रतिनिधि आगे की चर्चा के लिए आरक्षण को लेकर कैबिनेट उप-समिति के सदस्यों से मिलेंगे. हम डिविजनल कमिश्नर के माध्यम से मनोज जारांगे पाटिल को संदेश देंगे.
8. एकनाथ शिंदे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट हमारी क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. उन्होंने पिछली सरकारों पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं विस्तार में नहीं जाना चाहता कि क्यों पूर्ववर्ती सरकार राज्य में मराठा आरक्षण को बरकरार रखने में नाकाम रही. सुप्रीम कोर्ट ने ने बंबई हाई कोर्ट के बरकरार रखे गए आदेश को रद्द कर दिया है.’’
9. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने सुप्रिया सुले पर पलटवार किया. उन्होंने कहा सुप्रिया सुले का यह कहना गलत है कि सरकार फेल हो गई. मराठा समाज को न्याय मिलना चाहिए है, लेकिन जो एनसीपी विधायक के यहां पर हुआ है. ये करना सही नहीं है. हमारी भी मांग है कि गरीब मराठों को आरक्षण मिलना चाहिए.
10. मराठा आरक्षण प्रदर्शन ने तब जोर पकड़ लिया जब सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे प्रदर्शन के दूसरे चरण के तहत जालना में अंतरवाली सराटी गांव में 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए. उनकी अपील पर कई ग्रामीणों ने गांव में राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है. आंदोलन के कारण अब तक एमएसआरटीसी की 13 बसें क्षतिग्रस्त हो गई है तो 30 डिपो बंद कर दिए गए हैं.
ये भी पढ़ेें- Maratha Reservation Protest: मराठा आरक्षण के आंदोलनकारियों ने फूंका NCP विधायक प्रकाश सोलंके का घर, MLA बोले- मैं घर में था