spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeIndiaManipur government ordered Internet Ban (*15*) 15 days in border areas Manipur...

Manipur government ordered Internet Ban (*15*) 15 days in border areas Manipur violence chief minister N Biren Singh


Manipur Information: भारत के पूर्वी राज्य मणिपुर में पिछले साल (2023) मई में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद हालात अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं. सूबे के विभिन्न हिस्सों में हाल की हिंसक घटनाओं से उत्पन्न कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने शुक्रवार (2 फरवरी) को नौ जिलों के सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. इन जिलों में सीमा से दो किमी के दायरे में इंटरनेट पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. इसका पालन नहीं करने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

मुख्य सचिव विनीत जोशी द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, नौ जिले, जिनमें घाटी और पहाड़ी दोनों क्षेत्र शामिल हैं, चंदेल, काकचिंग, चुराचांदपुर, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, इंफाल पश्चिम, थौबल, तेंगनौपाल और इंफाल पूर्व इंटरनेट पर बैन लगाया गया हैं.

कानून व्यवस्था की मौजूदा स्थिति की वजह से इंटरनेट बैन’

राज्य सरकार ने अपने आधिकारिक आदेश में कहा है, “राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति और पिछले एक पखवाड़े में इंटरनेट निलंबन के सामान्य संचालन के प्रभाव की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया है. नौ जिलों की अंतर-जिला सीमाओं पर मोबाइल टावरों के संचालन के निलंबन को जारी रखा जाएगा.“ दरअसल राज्य सरकार के इस निर्णय का मकसद हिंसा से संबंधित अफवाहों और फोटो वीडियो आदि का प्रसार रोकना है. राज्य में हिंसा से संबंधित कंटेंट के वायरल होने के बाद नए सिरे से हिंसा भड़कती रही है, जिसके बाद सरकार ने निवारक कदम उठाया है.

सुरक्षा बलों के कई जवानों की हो चुकी है मौत

आपको बता दें कि मणिपुर में हाल की हिंसक घटनाओं में, संदिग्ध सशस्त्र उग्रवादियों के हमलों में मणिपुर पुलिस के दो कमांडो, कई ग्रामीण स्वयंसेवक और ग्रामीण मारे गए, जबकि बीएसएफ के एक जवान सहित कई अन्य घायल हो गए. लगभग आठ महीने के बाद, मणिपुर सरकार ने पिछले साल 3 दिसंबर को राज्य के बड़े हिस्से से मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध हटा दिया था. हालांकि, नौ जिलों के सीमावर्ती इलाकों में प्रतिबंध जारी रहा. मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद पिछले साल 3 मई को मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर पहली बार प्रतिबंध लगाया गया था. तब से हर पांच दिन बाद प्रतिबंध बढ़ाया जाता रहा है.

ये भी पढ़ें: झारखंडः मुख्यमंत्री रहते हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने वाले ED के 4 अफसर कौन?

RELATED ARTICLES

Most Popular