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Mahua Moitra Expelled Form Lok Sabha Mamata Banerjee Sonia Gandhi Slams Modi Central Government BJP Reacts Cash For Query Ten Points | महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द, TMC नेता बोलीं- सबूत के बिना दोषी, ममता बनर्जी और सोनिया गांधी का मिला साथ


Mahua Moitra Expelled: महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता सवाल पूछने के बदले पैसे लेने आरोप में रद्द कर दी गई. इसको लेकर मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसा साजिश के तहत किया गया. वहीं बीजेपी ने पलटवार किया कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है. बड़ी बातें-

1. सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के आरोप के मामले में लोकसभा में शुक्रवार (8 दिसंबर) को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया. इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने मोइत्रा को लोकसभा से रद्द करने की सिफारिश की थी. 

2. महुआ मोइत्रा ने सदस्यता जाने पर कहा कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं थे. उन्होंने कहा, ”लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट ने सभी नियमों को तोड़ा है. मुझे उस आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है, जो अस्तित्व में ही नहीं है. नकदी या उपहार का कोई सबूत नहीं है, आचार समिति ने मुद्दे की जड़ तक पहुंचे बिना मुझे दोषी ठहराने का फैसला किया.” 

3. तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा, ”सांसद आम जनता के सवालों को संसद तक पहुंचाने में सेतु की भूमिका निभाते हैं, कंगारू कोर्ट (अवैध अदालत)’ ने बिना सबूत के मुझे सजा दी मेरे खिलाफ पूरा मामला लॉगिन विवरण साझा करने पर आधारित है, लेकिन इस पहलू के लिए कोई नियम तय नहीं है. ये फैसला दिखाता है कि मोदी सरकार के लिए अडानी ग्रुप कितना महत्वपूर्ण है.”

4. पूरे मामले को लेकर टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम महुआ मोइत्रा के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा, ”हम महुआ मोइत्रा के साथ हैं. ये गणतंत्र के अधिकारो का हनन है. मुझे लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बात पर सही रवैया होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ये पूरी संसद के लिए दुख भरा दिन है.”

5. महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता जाने पर विपक्षी सांसद लोकसभा से बाहर आ गए. इसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल रहीं. इस दौरान सभी विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि बीजेपी और केंद्र सरकार बदले की राजनीति कर रही है. 

6. कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी भी महुआ मोइत्रा के समर्थन में नजर आए. उन्होंने कहा, ”ये सब बदले की भावना से किया गया है. सारी कार्रवाई बेबुनियाद तथ्यों पर आधारित है. नई सदन में सबसे पहले महिला सांसद को बलि पर चढ़ाया गया.” 

7. सदन में आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान टीएमसी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से कई बार आग्रह किया कि मोइत्रा को उनका पक्ष रखने का मौका दिया जाए, लेकिन बिरला ने पुरानी संसदीय परिपाटी का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया.  सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ”पूरी रिपोर्ट मीडिया में लीक कर दी गई है. निष्पक्ष सुनवाई तब होती है जब प्रभावित व्यक्ति को सुना जाता है. अगर उसे सुना नहीं जाएगा तो कोई निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी.’’

8. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सुदीप बंदोपाध्याय के तर्क का जवाब देते हुए कहा,‘‘ लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के समय 10 लोगों को निष्कासित किया गया था। उस समय चटर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि आरोपी सांसद समिति के समक्ष पेश हुए, ऐसे में इन्हें सदन में बोलने का अधिकार नहीं है.’’

9. बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, कि महुआ मोइत्रा का निष्काशन सभी सांसदों के लिए सीख है. उन्होंने कहा, ”सांसद बनने पर हम संविधान के तहत शपथ लेते हैं. इसमें कुछ नियमों के तहत काम करना होता है. महुआ मोइत्रा के मामले में नैतिकता नहीं थी. ऐसे में यह सब कुछ हुआ. रिपोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद पेश की गई.” 

10. हाल ही में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि महुआ मोइत्रा ने अडानी ग्रुप के मामले में सवाल करने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महंगे गिफ्ट लिए हैं. इसके बाद हीरानंदानी ने एक एफिडेविट के जरिए कहा कि मोइत्रा ने पैसे लिए हैं और वो संसद में सवाल पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए कर रही थी. 

ये भी पढ़ें- TMC सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द, कैश फॉर क्वेरी मामले में प्रस्ताव पास

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